सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रसूखदार अभियंता वापस मूल विभाग में…..सीबीआई जांच से हो सकते कई बड़े खुलासे….पर्दे के पीछे से खेला करने वाले होंगे कई चेहरे बेनकाब…..

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में प्रतिनियुक्ति में आए एक रसूखदार अभियंता की शिकायतों और पद में जमे रहते हुए जमकर भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी की खबरों के बाद प्रदेश की सुशासन वाली भाजपा सरकार ने भ्रष्ट अधिकारी के मामले में अपना सुशासन का डंडा चलाते हुए सचिवालय से देर शाम आदेश निकलवा कर अंततः उस अधिकारी को उसके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया।

दरअसल पूरा मामला टीएनसी विभाग का जहां पर मयूर गेमनानी नाम का अधिकारी जिसे अब विभाग से भारमुक्त कर दिया है।

वही कलेक्टर बिलासपुर ने भी इसके बाद आदेश जारी करते हुए बताया कि मयूर गेमनानी मूल रूप से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कर्मचारी हैं,शर्तों के अनुसार प्रतिनियुक्ति के दो साल भी पूरे हो चुके हैं और उन्हें अब अपने मूल विभाग लौटना होगा…

देखा जाएं तो कलेक्टर ने फिलहाल नियमो का हवाला देकर गेमनानी को टीएनसी से मुक्त कर वापस मूल विभाग लौटा दिया है,लेकिन सूत्रों की माने तो उनके खिलाफ 1 या 2 नही बल्कि सैकड़ो शिकायतें है,जिनमें विभागीय अनियमितताओं और अनुशासनहीनता के आरोप हैं,साथ ही इसकी शिकायतें शहर के कई आर्किटेक्ट और आमजन द्वारा भी की जा रही थीं,जिसमें कामकाज और प्रक्रियाओं से संबंधित गंभीर आरोप शामिल है,क्या इसकी जांच की जाएगी या इस अधिकारी को यू ही बस भारमुक्त कर चलता कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि मयूर गेमनानी को संचालनालय शर्तों के अनुसार नगर और ग्राम निवेश में खाली पद की भर्ती अथवा प्रतिनियुक्ति के दो साल पूरे होने पर मयूर गेमनानी को मूल विभाग लौटना था,मयूर ने 12 जुलाई 2018 को ज्वान किया,इस दौरान कलेक्टर तक उनकी लगातार गंभीर शिकायत मिल रही थी,मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जांच पड़ताल का आदेश दिया..

जांच पड़ताल के दौरान प्रतिनियुक्ति समिति ने मयूर गेमनानी के खिलाफ गंभीर शिकायत का होना पाया,समिति ने रिपोर्ट में बताया कि मयूर गेमनानी की प्रतिनियुक्ति का समय भी पूरा हो गया है,उनके खिलाफ गंभीर किस्म की शिकायतें भी हैं,विभाग में और ज्यादा सेवा लेना गलत होगा,इसलिए शर्तों के अनुसार उन्हें मूल विभाग भेजा जाए।
कलेक्टर ने रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए मयूर गेमनानी को आज यानि सोमवार को नगर तथा ग्राम निवेश की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। साथ ही समिति शिकायतों का पुलिन्दा भी विभाग के हवाले किया है।

सूत्र बतातें हैं कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कर पिछले पांच सालों से जबरन टाउन एंड कंट्री प्लान विभाग मे बैठ कर मयूर गेमनानी ने एजेंट बन कर काम नियमो को ताक मे रखकर शासन को करोडो रु की आर्थिक हानि पहुचाई थी,इस भ्रस्ट अधिकारी के खिलाफ गंभीर शिकायते भी शासन स्तर तक की गई थी लेकिन राजनैतिक दबाब के चलते कार्यवाही नही हो रही थी,अब देखना होगा की इस रसुखदार अधिकारी के खिलाफ लगे गंभीर आरोपो की जांच कब तक होती है और इनके पद मे रहते हुए नियमो के विपरीत किये गए नियमतीकरण के मामलों का खुलासा कब तक होता हैं।फ़िलहाल मयूर गेमनानी की भार मुक्त होने की खबर से आम जन ने खुशी जाहिर किया है।

सीबीआई जांच से होगा बड़ा खुलासा

ऐसे अधिकारी के ऊपर यदि समय रहते सीबीआई जैसी केंद्रीय टीम जांच करे तो कई राज खुल कर सामने आएंगे।जिसमे कई चेहरे भी बेनकाब होंगे।जो अब तक पर्दे के पीछे से खेल खेलते आ रहे है।सूत्र बताते है कि इस अधिकारी के द्वारा निगम के अधिकारियों को दिल्ली ले जाकर उन्हें बाकायदा उनके पद में लाभ दिलाने के लिए फर्जी डिग्रिया तक दिलाई गई है।

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