निजी अस्पताल की मनमानी कोविड मरीजों के इलाज के नाम पर भारी भरकम बिल थमा दिया जा रहा,जानिए क्या पूरा मामला

गोल्डी गजोरिया की रिपोर्ट

अम्बिकापुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शहर के निजी चिकित्सालय एकता हॉस्पिटल में कोरोना मरीज के परिजनों को उपचार के नाम पर भारी भरकम बिल थमा देने का मामला प्रकाश में आया है, मामले की शिकायत परिजनों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंह देव सहित कोतवाली पुलिस थाने में की गई है।

इस संबंध में परिजनों ने बताया कि शहर के भट्टी रोड स्थित एकता हॉस्पिटल में 5 दिनों पूर्व मरीज को कोरोना उपचार हेतु भर्ती कराया गया था, जहाँ मरीज के स्थिति में सुधार न होने पर शहर के दूसरे निजी चिकित्सालय में परिजनों की मांग पर रेफर कर दिया गया और इलाज का बिल 2 लाख 64 हजार रुपये थमा दिया गया, परिजनों द्वारा भारी भरकम बिल देख इसका विरोध किया गया जिससे मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने बिल की राशि घटाकर 1 लाख 75 हजार रुपये कर दिया गया।

इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक विनीत सिंह का कहना है कि लिपिकीय त्रुटि के कारण प्रबंधन से चूक हो गई थी जिसका सुधार करा बिल परिजनों को दिया गया पर परिजन बगैर भुगतान किए मरीज को ले जाकर दूसरे निजी चिकित्सालय में भर्ती करा दिए है। बहरहाल इस पूरे मामले में यह देखना होगा कि शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शहर के निजी चिकित्सालयो का रवैया अब प्रशासन के अंकुश से बाहर है, इन निजी चिकित्सालयो में न तो प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों पर उपचार किया जा रहा है, न आयुष्मान योजना की शर्तों का पालन। प्रशासन द्वारा भले ही यह दावा किया जा रहा हो कि सरगुजा आयुष्मान कार्ड से उपचार कराने वाला छत्तीसगढ़ का पहला जिला है, पर जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है, निजी चिकित्सालयों पर अंकुश लगाने का कार्य न तो प्रशासन कर पा रही है न निजी चिकित्सालय प्रशासन की परवाह कर रहे है।

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