इंश्योरेंस फ्रॉड का आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

बिलासपुर–सायबर फ्रॉड जैसे मामले में बिलासपुर पुलिस ने कार्रवाई की जिसमे इंश्योरेंस के नाम से फ्रॉड करने वाले आरोपी को चकरभाठा पुलिस ने दिल्ली से गिरिफ्तार करने में सफलता पाई है।आरोपी को गिरिफ्तार कर उसके पास से मोबाइल फोन को जप्त किया गया है।चकरभाठा पुलिस थाना से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 21/2/22 को प्रार्थी विद्याभूषण द्विवेदी ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि था कि अज्ञात नंबर से फोन आया और उन्हें बताया गया कि प्रार्थी ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी एचडीएफसी एर्गो से ली है, उसकी वार्षिक प्रीमियम राशि डायरेक्ट पेमेंट करने से एजेंट को मिलने वाला कमीशन नहीं लगेगा और कम रुपए में इंश्योरेंस पॉलिसी किस्त जमा हो जाएगी।
प्रार्थी को बार बार फोन कर इंक्वायरी कर कुछ जानकारियां अज्ञात आरोपी ने ली।तथा प्रार्थी द्वारा रूपए जमा नहीं करने पर आरोपी ने प्रार्थी के इंश्योरेंस पॉलिसी के नॉमिनी का नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी चेंज कर दिया जिससे इंश्योरेंस का लाभ प्रार्थी या परिजन को नहीं मिलता और इंश्योरेंस पॉलिसी डिस्कंटीन्यू होने से अगली किश्त में प्रिंसिपल अमाउंट से अधिक रुपए लगे।

रिपोर्ट अनुसार थाना चकरभाठा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही थी। विवेचना के दौरान आरोपी का दिल्ली में होना पाया गया जिस पर टीम दिल्ली गई थी किंतु आरोपी घर छोड़कर अन्यत्र निवास कर रहा था जिस वजह से आरोपी नहीं मिला था।
पुनः आरोपी के संबंध में तकनीकी जानकारी एकत्र कर चकरभाटा पुलिस टीम दिल्ली जाकर सात दिवस रह कर आरोपी की पतासाजी कर आरोपी मनप्रीत सिंह उर्फ प्रीतम सिंह पिता जगपाल को सिंह उम्र 26 वर्ष पटेल नगर दिल्ली निवासी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया गया।
आरोपी से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन व 8510024752 मोबाइल नंबर को घटना में प्रयुक्त किया गया था। इसे भी जप्त किया गया है।
आरोपी पूर्व में कॉल सेंटर में काम कर चुका है जिस वजह से उसे इंश्योरेंस पॉलिसी व किश्तों की जानकारी है।
आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।

आरोपी से हुई जप्ती के अनुसार अन्य राज्य एवं अन्य जिलों में भी अन्य व्यक्तियों से आरोपी द्वारा ठगी की गई होगी जिनसे संपर्क कर जानकारी एकत्र कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

उपरोक्त कार्यवाही में चकरभाठा थाना प्रभारी मनोज नायक, प्रधान आरक्षक प्रवीण पाण्डेय, आरक्षक सतीश यादव, सतपुरण जांगड़े, नूरुल कादीर का योगदान रहा।

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