
ख़ाखी बनाम रिश्वत…..थाना पुलिस का वसूली एजेंडा…. आरक्षक के खिलाफ हुई शिकायत….एसएसपी ने किया आरक्षक को निलंबित…..
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में इन दिनों वसूलीबाज पुलिस कर्मियों की अवैध वसूली के कारनामों की चर्चाएं आम हो गई।बिलासपुर जिले के अलग अलग थाने से लगातार शराब के मामले में झूठा फंसाने की शिकायतें सामने आ रही है।
सीपत थाने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि तखतपुर थाने में पदस्थ आरक्षक आकाश निषाद (क्रमांक 1287) पर वार्ड क्रमांक 12 की एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि आरक्षक ने जबरन घर में घुसकर अवैध वसूली की और पैसे न देने पर उसके पति को झूठे शराब तस्करी के केस में फंसा दिया। महिला ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी है और शपथ पत्र भी सौंपा है।
शिकायत में बताया गया कि आरक्षक ने पहले 20 हजार रुपए लिए और फिर 10 हजार की दोबारा मांग की। इंकार करने पर अगले दिन उसके पति को शराब लाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। महिला ने सवाल उठाया कि बिना महिला पुलिस और अनुमति के घर में घुसना नियमों की धज्जियां उड़ाना है। आरक्षक आकाश निषाद का पहले भी विवादित इतिहास रहा है। अवैध वसूली को लेकर ग्रामीणों से मारपीट तक हो चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर एसएसपी ने तत्काल आरक्षक को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला…..
नगर के वार्ड क्रमांक 12 तखतपुर की निवासी शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि 2 अक्टूबर को सुबह करीब 10 बजे आरक्षक आकाश निषाद अपने एक साथी के साथ जबरन उनके घर में घुस गया और वीडियो बनाने लगा।
उसने पति-पत्नी को धमकाते हुए कहा कि वे शराब बेचते हैं और झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 20 हजार रुपए की मांग की। डरकर उन्होंने आरक्षक को 20 हजार रुपए दे दिए।
आरक्षक फिर घर आया और इस बार 10 हजार रुपए की मांग की, साथ ही ‘मुर्गा बनाने और घर में ही खाने’ की बात कही। पैसे देने से मना करने पर उसने परिणाम भुगतने की धमकी दी। अगले ही दिन आरक्षक ने महिला के पति को शराब भट्ठी से अपने पीने के लिए शराब लाते हुए पकड़ा। शराब तस्करी का झूठा मामला (धारा 34(2)) दर्ज कर पति को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
महिला का कहना है कि वे गरीब हैं और आरक्षक उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर बार-बार पैसे मांगता था।
नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप…..
शिकायतकर्ता महिला ने आरक्षक आकाश निषाद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए थे। बिना महिला पुलिस बल और बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के घर में जबरदस्ती क्यों घुसा गया। जब आरक्षक घर में घुसा, तब शिकायतकर्ता की सास पूरे कपड़े नहीं पहने हुए थीं और उन्हें छिपना पड़ा। महिला ने पूछा कि क्या पुलिस के नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है।