ईशनिंदा विरोधी कानून बनाकर आस्थाकेंद्रों का होनेवाला अपमान रोके- मनोज सोनी
बिलासपुर- हिन्दू राष्ट्र युवा परिषद बिलासपुर जिलाध्यक्ष मनोज सोनी ने गृह मंत्री अमित शाह व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ईमेल के माध्यम से “ईशनिंदा विरोधी कानून” बनाने कीं मांग की।
ईमेल मे लिखा गया है की साधारण भारतीय समाज सश्रद्ध और आस्तिक है। भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक की धर्मश्रद्धाओं का आदर करना सूचित करता है; परंतु आज नाटक, चलचित्र, वेबसीरीज, विज्ञापन, काव्य, चित्र आदि द्वारा धर्म, धर्मग्रंथ, देवता, संत और राष्ट्रपुरुषों का बडी मात्रा में अनादर किया जा रहा है। देवताओं की मूर्तियां अथवा चित्रों का सार्वजनिक स्थानों पर अनादर कर धार्मिक भावनाएं आहत करना और समाज में तनाव उत्पन्न करना; नास्तिकतावाद, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कला स्वतंत्रता आदि के नाम पर देवताओं का उपहास करना, देवताओं को अनुचित प्रकार से चित्रित करना, सोशल मीडिया में देवताओं के अपमानजनक चित्र प्रसारित करना; वेबसीरीज-चलचित्र-नाटक-विज्ञापनों में देवताओं के पात्र दिखाकर उनके मुख में विनोदी-आपत्तिजनक संवाद दिखाना, उन पात्रों अथवा देवताओं का उपहास करना; देवता, संत, धर्म आदि से संबंधित अनादरात्मक काव्य रचकर विभिन्न समारोहों में प्रस्तुत करना; अनादरात्मक तथा देवताओं के संबंध में अत्यंत निम्न स्तर पर जाकर विकृत और द्वेषपूर्ण लेखन करना आदि अनेक माध्यमों से देवताओं का अनादर खुलकर करना अत्यधिक मात्रा में बढा है। इसके द्वारा बहुसंख्यक आस्तिक सश्रद्ध हिन्दू समाज में असंतोष फैलाया जा रहा है । इस कारण कुछ नागरिकों की देवता-धर्म के प्रति श्रद्धा कम हो सकती है अथवा उनकी श्रद्धा खंडित होकर उनकी धार्मिक भावनाएं आहत की जा रही हैं । बारंबार ऐसे प्रसंग हो रहे हैं और उन पर सरकार अथवा पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने के कारण बारंबार ऐसी घटनाएं हो ही रही हैं । अब पुनः यह विषय उठाने का महत्त्वपूर्ण कारण है वर्तमान में विवादित सिद्ध हुई वेबसीरीज ‘तांडव’ और ऐसी वेबसीरीज का खुलकर प्रसारण करनेवाला ‘अमेजन प्राइम’ का ओटीटी प्लेटफॉर्म! देवताओं का अनादर करना अब एक फैड बन गया है। किंबहुना धर्मनिरपेक्ष कहलवाने की वह एक कसौटी बन गई है। परिणामस्वरूप समाज में असहिष्णुता बढने लगी है। हिन्दू धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्मीय इस बाबत अत्यंत जागरूक होने के कारण उनके संबंध में ऐसी घटनाएं अत्यल्प घटती हैं। यदि कुछ होता है, तो पुलिस तुरंत हस्तक्षेप करती है; परंतु हिन्दू धर्म के संबंध में ऐसा कुछ होने पर कार्रवाई होते हुए दिखाई नहीं देती । इसलिए हिन्दू धर्मविरोधी, नास्तिकतावादी, कम्युनिस्ट आदि लोग नित्य ऐसा कर सामान्य हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं पैरों तले रौंद रहे हैं । यह अत्यंत गंभीर है ।
इस पृष्ठभूमि पर भारत में देवताओं का अनादर करनेवालों पर धाक जमे और सामाजिक शांति, धार्मिक सौहार्द्र, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता प्रतीत हो रही है । इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि इस संदर्भ में दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनेवाला ‘ईशनिंदाविरोधी कानून’ बनाया जाए ।