बेलगाम सड़क में सजता बाजार….. हर दिन लगता सड़को में जाम…..नकेल कसने में असफल निगम का अतिक्रमण दस्ता और यातायात पुलिस…

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ में बिलासपुर शहर अब धीरे धीरे महानगर की तर्ज में एक नई पहचान के साथ स्मार्ट सिटी के नाम जाने जाना लगा है।लेकिन इस शहर की मुख्य सड़क पर लगाना वाला बाजार इस स्मार्ट सिटी के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है।जगह जगह फैली आव्यवस्था से उबर पाने में नाकामयाब होता नजर आ रहा है इस शहर का प्रशासन।जैसे जैसे शहर बढ़ रहा है,वैसे वैसे यहां पर आव्यवस्था सिर चढ़ कर बोल रही है।आपको बताते चले की बिलासपुर शहर के मुख्य मार्ग में आए दिन जाम की स्थिति होना आम बात है।जबकि कई स्वास्थ केंद्र शहर के बीच में संचालित है,और इन स्वास्थ केंद्रों में मरीज को पहुंचने में एंबुलेंस जैसे वाहनों को जद्दोजहद करना पड़ता है।जिसका मुख्य कारण अवैध बेजा कब्जाधारी।शहर के मुख्य मार्गो में संचालित होने वाला बाजार के लगभग सभी दुकानदार अपनी दुकान के बाहर सड़को तक दुकान सजा कर ग्राहकों को अपने ओर आकर्षित करने और अपनी दुकानदारी को चमकाने में लगे रहते है।वही सड़को में आप देख सकते है की शहर मे आपको जगह जगह हाथ ठेला बड़ी संख्या में नजर आ ही जाएंगे।

इनमे अधिकांश फल ठेला सब्जी ठेला,तो कई प्रकार के ठेले सड़क किनारे से लेकर सड़को को घेर कर अपनी दुकान दारी करते हुए नजर आ जाते है।एक और जहा पर प्रशासन यह दावा करने में लगा रहता है।हम बेहतर व्यवस्था के साथ काम कर रहे है।पर इनको देखने के बाद बिलासपुर नगर निगम और पुलिस का यातायात अमला इनके सामने बौना नजर आता है।कार्रवाई के नाम पर इन विभागों के द्वारा कोई ठोस पहल भी नही की जाती है।जबकि ऐसे लोगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से भी प्रशासन हिचकाचता है।वही इस मामले में इन विभागों से बात करने पर अपना पल्ला झाड़ते हुए एक दूसरे एक ऊपर ठीकरा फोड़ने में लग जाते है।जगह जगह इनके अवैध बाजार का जाल शहर में बिछता जा रहा है।वह भी इनके नाक के नीचे।अब देखना यह होगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद बिलासपुर शहर में प्रशासन कितना मुस्तैद नजर आता है और इन अवैध कब्जाधारियों पर अपनी नकेल कसने में कितना सफल होता है।

अधिक दबाव में बड़े वाहनों को आने जाने में रोक
पुलिस का यातायात विभाग सड़क में दबाव के बढ़ते ही चार पहिया वाहनों की आवाजाही में रोक लगाकर उसे दूसरे मार्ग से परिवर्तित कर यातायात को सुचारू करने में लग जाते है।जिसके कारण बाजार में रौनक नही होने का हवाला देकर वही व्यपारियो के दबाव में राजनीतिक हस्तक्षेप में प्रशासन के नियम में बदलाव करवाने की बात भी सामने आती है।

प्रशासन की तीसरी आंख से ये क्यू बचे हुए है?
एक तरफ शहर में जगह जगह स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च कर कैमरा लगाया जा रहा है।वही इन कैमरो को सीमित दायरे में रखकर उसका उपयोग किया जा रहा है।कैमरा की नजर सिर्फ सड़को में चलने वाले वाहन और वाहन चालकों पर ही नजर रखे हुए।

यदि प्रशासन अपनी नजर इनसे हटाकर बाजार में इन अवैध कब्जाधारियों पर अपनी नजर जमा ले तो एक अच्छी पहल के साथ बाजार और अन्य सड़को में लगने वाले जाम से निजात मिल सकेगा और वही इन सड़को में जमे हुए कब्जाधारियों से भी तत्काल मुक्ति मिलेगी।

अब देखना यह होगा कि इस खबर के बाद प्रशासन कार्रवाई को लेकर क्या पहल करता है।

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