
राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहने पर बिलासपुर में फूटा आक्रोश–सर्व राजपूत क्षत्रिय समाज ने एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन….सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी पर भड़का आक्रोश…..एफआइआर एवं कानूनी कारवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी……महापुरुषों का अपमान कर फैलाया जातीय विद्वेष,क्षत्रिय समाज एवं सर्व हिन्दू समाज ने दी कड़ी प्रतिक्रिया…..
बिलासपुर–समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा महान देशभक्त और राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर योद्धा राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहने पर क्षत्रिय राजपूत समाज में आक्रोश फैल गया है। इस गंभीर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर समाज में तीव्र रोष उत्पन्न हो गया है। शुक्रवार दोपहर को सर्व राजपूत क्षत्रिय समाज बिलासपुर ने इस अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया और सपा सांसद के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
सामाजिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने का आरोप सर्व राजपूत
क्षत्रिय समाज ने ज्ञापन में कहा कि सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी न केवल राणा सांगा जैसे महान योद्धा का अपमान है बल्कि इससे समाज में जातीय विद्वेष फैलाने का कुत्सित प्रयास किया गया है। समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि वीर क्षत्रिय समाज ने देश के लिए सर्वाधिक बलिदान दिए हैं और ऐसे गौरवशाली इतिहास को अपमानित करना सामाजिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि यदि सांसद के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो क्षत्रिय समाज के लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि महापुरुषों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नहीं थे पुलिस अधीक्षक, सीएसपी को सौंपा ज्ञापन, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में ज्ञापन सीएसपी निमितेश सिंह को सौंपा गया। समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस से सांसद के खिलाफ अपराध दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की मांग की। समाज ने यह भी कहा कि इस तरह की घृणित बयानबाजी से सामाजिक और धार्मिक वातावरण में बिगाड़ उत्पन्न हो सकता है। पदाधिकारी ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
राणा सांगा: वीरता और बलिदान का प्रतीक
राणा सांगा, जो मेवाड़ वंश के थे, अपनी वीरता और राष्ट्र प्रेम के लिए प्रख्यात थे। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं से देश की रक्षा के लिए न केवल अपने प्राणों की आहुति दी बल्कि जीवनभर देश की सेवा में समर्पित रहे। सांगा की वीरता, साहस और संघर्ष की गाथा आज भी भारतीय जनमानस में अमिट है। उनके योगदान को गद्दार कहना न केवल ऐतिहासिक तथ्यों का अपमान है बल्कि राष्ट्रभक्ति का भी अपमान है।
वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप: मातृभूमि के लिए समर्पित योद्धा
राजपूत समाज के लोगों ने कहा की वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने विदेशी शासकों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य को सशक्त बनाते हुए मुगल सत्ता के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ी। वहीं, महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की विशाल सेना का सामना करते हुए अपने मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा और साहस का परिचय दिया। ऐसे में महापुरुषों पर टिप्पणी समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
नेताओं की अपरिपक्वता से बिगड़ता सामाजिक माहौल
सपा सांसद रामजी लाल सुमन की आपत्तिजनक टिप्पणी से देश के विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न हो गया है। यह पहली बार नहीं है जब राजनीतिक नेताओं ने अपनी अपरिपक्व टिप्पणियों से सामाजिक सौहार्द्र को आघात पहुंचाया हो। समाज का कहना है कि राजनीति में जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए, न कि विवादास्पद टिप्पणियों से सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करना।
क्षत्रिय समाज के लोगों का कहना है कि ऐसे नेताओं पर कठोरतम कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी महापुरुषों का अपमान करने का साहस न करे। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्यवाही नहीं हुई तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ज्ञापन देने में प्रमुख रूप से बाटू सिंह, प्रियंक सिंह परिहार,चित्रसेन सिंह,विक्रम सिंह, प्रकाश सिंह,अतुल सिंह,अनिल सिंह चौहान,बसंत प्रताप सिंह, रौशन सिंह,नितेश सिंह,नीटू परिहार, कल्याण सिंह,धीरेन्द्र सिंह,रवि शंकर सिंह, सत्येंद्र सिंह,राजेश सिंह,वीपीन सिंह, सोनल सिंह,शिव सिंह, संजय सिंह,महेश सिंह ,रंजीत सिंह,आशु सिंह, दीपक सिंह,आदित्य सिंह, पिंकू राणा, राजा सिंह,दिलीप सिंह,करण सिंह,गिरीश साहू, करण गोयल उपस्थित थे।