
कार्यकम स्थल के अंदर खाली रहा पार्किंग मैदान…..सड़कों में लगा रहा जाम…..मंत्री जी का निकल गया काफिला,जाम में फंसी रह गई एंबुलेंस…..
बिलासपुर– नवरात्रि पर्व के आते ही शहर में मां दुर्गा के विराजमान के लिए तैयार होने वाले सुंदर सुंदर पंडाल,झांकी,के अलावा रास गरबा,डांडिया और इन आयोजन स्थलों में देश की जानी मानी हस्तियों के कार्यक्रम में शामिल होने की चर्चा जोरो पर रहती है।एक तरफ जहां पूरा शहर नौ दिन तक चलने वाले नवरात्र पर्व को लेकर काफी उत्साहित और आनंदित होता है।तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की लचीली व्यवस्था का खामियाजा शहर को जनता को भुगतना पड़ता है।यातायात को लेकर प्रशासन चाहे लाख दावे कर ले लेकिन इनकी व्यवस्था आयोजन स्थलों पर पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आती है।
शहर में नवरात्र का पर्व शुरू ही हुआ की जगह जगह बड़े बड़े मां दुर्गा का पंडाल और माता रानी का जगराता,रास डांडिया गरबा जैसे बड़े बड़े आयोजनों की भी शुरुवात हो गई।इन आयोजनों स्थलों में फिल्म जगत से लेकर कई बड़ी हस्तियों का आगमन होना शुरू हो गया।शहर के सरकंडा क्षेत्र में आयोजित तीन दिन तक चले गरबा कार्यक्रम के आखिरी दिन फिल्म जगत की मशहूर अदाकारा तमन्ना भाटिया शामिल होने पहुंची।इस मशहूर अदाकारा को देखने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में शहर के लोग उमड़ पड़े।लेकिन जब तक कार्यक्रम स्थल में लोग पहुंच पाते उसके पहले ही मशहूर अदाकारा अपने तय समय के अनुसार कार्यक्रम में शामिल हुई और कुछ समय बिलासपुर वासियों के बीच रहकर चली गई।मशहूर अदाकारा को देखने और सुनने के लिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में लोगों को सड़क में लगे जाम में घंटों फसना पड़ा।जाम इतना लंबा था कि दोनों तरफ की सड़क में गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी।
मैदान की पार्किंग खाली पड़ी रही…..
सरकंडा क्षेत्र में स्थित साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित गरबा कार्यक्रम में प्रशासन की एक बड़ी चूक सामने आई है।जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और जाम में घंटों फंसे रहना पड़ा।मैदान के अंदर खाली पड़े पार्किंग मैदान का उपयोग नहीं करना और बाहर ही वाहनों को रोककर सड़क जाम करवाना यह घोर लापरवाही और कार्यशैली को लेकर एक सवालिया निशान है।
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम स्थल के अंदर वाहन ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया और कार्यक्रम स्थल से अलग वाहन पार्किंग का स्थान तय कर दिया गया था।जिसके कारण दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहन मालिक अपनी सहूलियत के अनुसार सड़क किनारे वाहन खड़ा कर कार्यक्रम में शामिल होने लगे।
सड़कों में खड़े बेतरतीब वाहनों के चलते सड़क में जाम की स्थिति निर्मित हुई और जो कई घंटों तक चलती रही।जबकि वही कार्यक्रम स्थल में अलग से एक बड़ा मैदान वाहन पार्किंग के लिए बनाया गया जहां पर दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों को पार्किंग कराया जाता है।यदि इस मैदान को वाहन पार्किंग के लिए खोल दिया जाता तो शायद इतना लंबा जाम नहीं लगता और सरलता और सुगमता से सड़कों में लोगो की आवाजाही बनी रहती।लेकिन यह मैदान सिर्फ आयोजन कर्ताओं के लिए आरक्षित रख दिया गया जहां पर मुश्किल से दस चार पहिया वाहन भी नहीं खड़े नहीं थे।
मंत्री जी काफिला और एंबुलेंस
सड़क के दोनों और लगे जाम में लंबी दूरी तक सिर्फ सिर्फ गाड़िया ही गाड़िया नजर आ रही थी।बेतरतीब तरीके से खड़ी गाड़िया और सड़क मार्ग को बाधित किए हुए वाहन जाम का मुख्य हिस्सा बना हुए थे।लेकिन वहीं इनको हटाने या पार्किंग स्थल तक इन वाहनों को खड़ा कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।जिसके कारण कई बार सड़क में लगे जाम में एंबुलेंस फंसी रही।
धीरे धीरे चींटी की चाल में एंबुलेंस चलती रही।वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री को कार्यक्रम में लाने के लिए अतिरिक्त शहर पुलिस अधीक्षक खुद उनके काफिले के आगे आगे सायरन बजाते हुए पायलटिंग करते हुए नजर आए।जबकि वही सड़क की दूसरी ओर चल रही एंबुलेंस जो बार बार जाम में फंस रही थी इसके लिए यातायात पुलिस विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नजर नहीं आया जो एंबुलेंस का रास्ता क्लियर करता।
पुलिस और गेटकीपर
इतने बड़े आयोजन को लेकर दिन रात सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को अंतिम दिन में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक बड़ा जनसमूह उमड़ पड़ा और स्थिति को संभालते हुए कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मचारी खुद ही गेट में तैनात होकर वहां की व्यवस्था को अपने हाथ में ले लिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुज कुमार सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडे और ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मियों ने कार्यक्रम स्थल में बनाए गए प्रवेश द्वारा में खड़े होकर पूरी व्यवस्था को बनाते रहे।बड़ी संख्या में आए महिलाएं और बच्चे पर विशेष ध्यान देते हुए इनको प्राथमिकता दी गई,और इनको प्रवेश देकर कार्यक्रम स्थल में जाने दिया गया।यदि समय रहते पुलिस अपने हाथों में इस व्यवस्था को नहीं लेती तो काफी भगदड़ और हो हंगामा के साथ कानून व्यवस्था भी फैल हो सकती थी।जिसका खामियाजा कार्यक्रम में आने वाली महिलाएं और बच्चो को उठाना पड़ सकता था।लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पूरी ईमानदारी और लगन से पुलिस कर्मी व्यवस्था बनाते रहे।