
मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा ने एचओडी के ऊपर लगाए गंभीर आरोप…..एचओडी ने भी छात्रा के खिलाफ की शिकायत… मामला की जांच करेगी महिला उत्पीड़न विभाग….
बिलासपुर–संभाग के सबसे बड़े सिम्स हॉस्पिटल के मेडिकल एचओडी डॉ.पंकज टेम्बुनिकर के ऊपर उनकी ही पीजी की छात्रा ने सॉफ्ट टच और प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं डॉ. पंकज ने पीजी छात्रा के द्वारा मरीजों के परिजनों से वसूली पर फटकार लगाने के कारण यह गंभीर आरोप लगाना बताया। आरोप प्रत्यारोप के बीच सिम्स के डीन ने मामले को जांच के लिए महिला उत्पीड़न के पास भेज दिया है। दरअसल बिलासपुर सिम्स के सीनियर डॉ. पंकज टेम्बुनिकर एचओडी है, शोशल मीडिया में चल रहे खबर के मुताबिक सिम्स में पी जी की एक छात्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डॉ.पंकज के ऊपर सॉफ्ट टच और प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं डॉक्टर टेम्बुनिकर ने भी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री और डीएमई को पत्र लिखकर शिकायत की है। मीडिया के सामने डॉक्टर टेम्बुनिकर ने बताया कि उस छात्रा के खिलाफ कई मरीजों ने पैसे उगाही करने का आरोप लगाया, दो से तीन मामलों में उन्होंने छात्रा को फटकार लगाई। इसके बाद एक एड्स पीड़ित ने लिखित शिकायत की , शिकायत में छात्रा उनसे बाहरी मेडिकल समान खरीदने और उस पर कमीशन मांगना बताया गया । इसको लेकर डॉ टेम्बुनिकर ने जब जवाब मांगा तब वह छात्रा डॉक्टर को इग्नोर करते हुए मोबाइल चलाती रही। इस पर नाराज डॉक्टर टेम्बुनिकर ने उसके मोबाईल को छीन कर दूर फेंक दिया। डॉ टेम्बुनिकर के मुताबिक इससे नाराज छात्रा ने कोतवाली थाना में डॉक्टर की शिकायत की। इसके अलावा डॉक्टर को जातिगत गाली गलौच की,जिसकी शिकायत डॉक्टर ने भी अजाक थाना में की है। डॉक्टर का कहना है कि उनकी बेच में करीब 21 छात्रा है जिसमें से सिर्फ एक यही छात्रा को मुझसे परेशानी है कि मैं मरीजों के प्रति वफादारी से काम नहीं करने पर फटकार लगाता हु। छात्रा द्वारा लगे आरोप के बाद डीन के समक्ष डॉक्टर टेम्बुनिकर और छात्रा की परिजनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला।इसके बाद डॉक्टर डीन से अपने को परीक्षा नियंत्रक के दायित्य से अलग कर लिया ताकि परीक्षा के परिणाम पर उनपर आरोप न लगे।इधर डीन ने मामले को जांच के लिए महिला उत्पीड़न के पास भेज दिया है।
बहरहाल आरोप प्रत्यारोप के बीच मामला महिला उत्पीड़न विभाग, मुख्य मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, डीएमई और थाने तक पहुंच चुका है,अब देखना यह होगा कि किसके आरोप में कितनी सच्चाई है।