लाल बहादुर शास्त्री शाला में मनाया गया पोला त्यौहार…पोरा पर्व की रही धूम….छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने की शिरकत

बिलासपुर –छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार के रूप में पोला का पर्व भी एक विशेष महत्व है।जिसका सीधा संबंध किसान और खेती के कार्य को करने वाले से होता है।धन रूपी बैल की पूजा अर्चना कर किसान इसे पूजते है।उसी परंपरा और पर्व की महत्ता को आने वाले पीढ़ी को बताने के उद्देश्य से बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री शाला के मैदान में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कांग्रेस नेता और अरपा बेसिन प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे टाटा के द्वारा पारंपरिक पोला पर्व पर बैल पूजन और बैल दौड़ का कार्यक्रम आयोजित किया गया।उक्त कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव महापौर रामशरण यादव विशिष्ठ अतिथि जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान,जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक और अरपा बेसिन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय रहे।

मुख्य अथितियो के द्वारा सर्वप्रथम पारंपरिक तरीके से बैल की पूजा अर्चना विधि विधान से को गई।जिसके बाद आयोजन समिति के द्वारा अतिथियों को साल श्री फल और साफा से स्वागत किया गया।वही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अटल श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में पोरा पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की यह पर्व किसान से जुड़ा है और किसान अपने पशु को धन के रूप में इसे पूजता है।और यह किसान का पशुधन है।इस दिन किसान अपने पशुधन को सजाकर उसकी पूजा अर्चना करता है।जिसे पोरा पर्व और पोला भी कहा जाता है।

किसान और खेती के कार्य को करने वाले के लिए खास होता है।और इसे एक पर्व या त्यौहार के रूप में मनाया जाता।ग्रामीण अंचलों से लेकर शहर में भी यह त्यौहार बहुत ही अच्छे से मनाया जाता है।

बैल साज सज्जा

जिसके बाद आयोजन समिति के द्वारा किसानों के द्वारा लाए गए बैल की साज सज्जा देखी गई।जिसमे प्रथम पुरस्कार परदेसी मरकाम लिंगयाडीह, नर्मदा साहू मोपका द्वितीय, अशोक साहू माता चौरा सीपत तृतीय स्थान में आए।जहा पर इन किसानों को मुख्य अतिथि अटल श्रीवास्तव के हाथो इनाम के रूप में 3100 रूपए प्रथम स्थान पाने वाले को 2100 रूपए दूसरे स्थान पर आने वाले को 1500 रूपए तीसरे स्थान पर आने वाले किसान को दिया गया।

बैल दौड़

कार्यक्रम के अंत में बैल दौड़ का आयोजन किया गया। सांकेतिक रूप से बैल दौड़ का आयोजन किया गया।जिसमे अलग अलग क्षेत्र से छै बैल जोड़े ने भाग लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से समिति के सद्स्य तारेन्द्र उसराठे,केशव बाजपेई,कृष्ण मुरारी दुबे, विजय मनुजा,विष्णु हिरवानी,शैलेंद्र उरमालिया,नीरज सोनी,अभिषेक मिश्रा,अनिल गुलहरे सुरेंद्र कश्यप आशु शर्मा प्रशांत सिंह एस आर टाटा पप्पू साहू रमेश दुआ ,अमित दुबे एवम अन्य कार्यकर्ताओं को विशेष योगदान रहा।

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