मेडिकल समान की हेरा फेरी कर करोड़ों रुपए के गबन के आरोपियों को पुलिस ने किया गिरिफ्तार
बिलासपुर–मेडिकल सामानों का फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपए का चूना लगाने मैनेजर और उसके अन्य दो साथियों को पुलिस ने पकड़ने में सफलता पाई है।इन आरोपियों को पुलिस ने गिरिफ्तार कर हिरासत में ले लिया है।बिलासा गुड़ी में एडिशनल एसपी शहर राजेंद्र जायसवाल ने खुलासा करते हुए बताया की मेडस्मार्ट लॉजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के बिलासपुर एरिया मैनेजर ने सर्जिकल आईटम के सामान को रायपुर के आरोपियों के पास बिकी कर किया था गबन कोरोना काल में वर्ष 2019-20 में ऑडिट नहीं होने के कारण आरोपी बड़ी आसानी से दिया घटना को अंजाम।
प्रकरण के मुख्य आरोपी को सीपत क्षेत्र से किया गया गिरफ्तार। सरकण्डा पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ के लिए मुख्य आरोपी लोकेश्वर सिंह बघेल को चार दिन का पुलिस रिमाण्ड लिया गया। प्रकरण के 2 अन्य आरोपी को भिलाई एवं रायपुर से किया गया गिरफ्तार।आरोपी द्वारा कम्पनी के पैसों से खरीदे मोटर सायकल, लैपटॉप, एवं जमीन के दस्तावेज एवं मोबाईल को किया गया जप्त । आरोपियों के बैक एकाउण्ट को होल्ड करने किया गया पत्राचार किया गया है।
वही इस मामले में एडिशनल एसपी शहर राजेंद्र जायसवाल ने बताया की प्रार्थी जे. रामकुमार पिता स्व. जे.वी.रमाणैया मैनेजर ऑपरेशन मेडस्मार्ट लॉजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड भुवनेश्वर, ओडिशा ने दिनांक 07.09.2022 को सरकंडा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इनकी कम्पनी का मुख्य व्यवसाय सर्जिकल कार्यों में उपयोग लाये जाने वाले सामान जैसे ग्लोब्स, मास्क, आई.वी.फ्लूईड, कॉटन, सिरिंज, नीडिल आदि को सीधे उत्पादक एवं अधिकृत वितरक से खरीद कर विभिन्न अस्पतालों में सप्लाई का काम करती है जिसकी ऑफिस राजकिशोर नगर एवं गोदाम अमोला विला कालोनी सीपत रोड मोपका बिलासपुर में भी है।
जिसका अनुबंध अपोलो हॉस्पिटल एवं अपोलो फार्मेसी से है, बिलासपुर स्थित ऑफिस में 5 कर्मचारी कार्य करते हैं जिसका एग्जीक्यूटिव लोकेश्वर सिंह है, जिसके द्वारा कंपनी के द्वारा सप्लाई किये जाने वाले सभी सामानों को लाकर रखना एवं उसको सप्लाई करना एवं इस सभी कार्यों पर पूरा नियंत्रण रखना है, जो वर्ष 2019 से अपोलो हॉस्पिटल को खरीददार बताकर उसके नाम से बिल बनाकर खुले बाजार में ब्रिकी करने लगा तथा प्राप्त पैसों का स्वयं उपयोग करने लगा साथ ही उक्त सामान के बिल के बदले अन्य सामान की एन्ट्री कर देने के कारण लेखा पुस्तकों में उक्त अंतर तत्कालिक रूप से उजागर नहीं हो सका।
इस प्रकार लोकेश्वर सिंह फर्जी रसीद बनाकर एवं कंपनी के कार्य में गड़बड़ी कर कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाना शुरू किया। कोरोना काल के कारण वर्ष 2019 – 2020 में ऑडिट नहीं हो सका जिसका फायदा उठाते हुये लोकेश्वर सिंह द्वारा कंपनी को पहुंचाये गये आर्थिक क्षति की जानकारी नहीं हो सकी, वर्ष 2020-21, एवं 2021 – 22 में कम्पनी का ऑडिट होने पर ज्ञात हुआ कि लोकेशर सिंह द्वारा कम्पनी को 1 करोड 4 लाख रूपये का आर्थिक क्षति पहुंचाया है, प्रार्थी के उक्त रिपोर्ट पर अपराध कायम कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया।प्रकरण में आरोपी लखेश्वर सिंह की लगातार पता तलाश की जा रही थी। प्रकरण गंभीर किस्म का होने से तकनीकी साक्ष्य एकत्र किया गया जो आरोपी लोकेश्वर सिंह को शरहदी क्षेत्र कोरबा, जांजगीर में लुक छिप रहा
था, जो आरोपी थाना सीपत क्षेत्र में आने संबंधी जानकारी मिलने पर थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम तैयार कर आरोपी लोकेश्वर सिंह को थाना सीपत क्षेत्रांतर्गत ग्राम पीपरा से पकड़ा गया। जिससे पूछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार करते हुये कम्पनी के सामान को रायपुर निवासी दीपक दानवानी एवं हरिश दानवानी के पास बिक्री करना एवं रकम का स्वयं उपयोग करना बताया, जिसके मेमोरण्डम पर आरोपी के मोटर सायकल, लैपटॉप, जमीन खरीदी संबंधी दस्तावेज जप्त किया गया एवं आरोपी का पुलिस रिमाण्ड लेकर अन्य आरोपी दीपक दानवानी एवं हरिश दानवानी का पता तलाश किया गया जिन्हें भिलाई एवं रायपुर से गिरफ्तार किया एवं उनके बैक एकाउण्ट होल्ड करने पत्राचार की गई है, आरोपियों को आज दिनांक को न्यायायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है ।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह, उप निरी. बी.आर. सिन्हा, प्र.आर. विनोद यादव, प्रमोद सिंह, म.प्र.आर. संगीता नेताम, आरक्षक राहुल सिंह, मिथलेश सोनी, अविनाश कश्यप, भागवत चंद्राकर, मनीष वाल्मिक, सोनू पाल, विवेक राय का विशेष योगदान रहा।