बिलासपुर में सुरक्षा तैयारियों की परख…..मॉक ड्रिल के जरिए आपात हालातों से निपटने का अभ्यास

बिलासपुर –शहर में शनिवार को दो प्रमुख स्थानों – 36 मॉल और बिलासपुर रेलवे स्टेशन – पर एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें आपदा प्रबंधन, आतंकी हमलों और अन्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखा गया। यह अभ्यास एसएसपी रजनेश सिंह और कलेक्टर संजय अग्रवाल की निगरानी में संपन्न हुआ।

36 मॉल में हाई अलर्ट सिमुलेशन

मॉल परिसर में रिहर्सल के दौरान आग लगने की स्थिति को दर्शाया गया, जहां फायर ब्रिगेड और सुरक्षा दल ने तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लोगों को मॉल से सुरक्षित बाहर निकाला गया और आपात प्राथमिक उपचार की कार्यवाही भी प्रदर्शित की गई।हवाई हमले की आशंका को भी मॉक ड्रिल में शामिल किया गया। सुरक्षाबलों ने संरक्षित स्थानों की ओर लोगों को ले जाने की रणनीति का प्रदर्शन किया, ताकि किसी भी तरह की अफरातफरी को रोका जा सके।डॉग स्क्वाड और बम डिस्पोज़ल टीम ने संदिग्ध वस्तुओं की पहचान और निष्क्रियता की प्रक्रिया का अभ्यास किया। साथ ही जन-जागरूकता और भीड़ नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को भी सिखाया गया, जिसमें आम नागरिकों को भी भागीदारी का अवसर मिला।

रेलवे स्टेशन पर सघन सुरक्षा अभ्यास

बिलासपुर जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी के साथ मिलकर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और पूछताछ की गई। डॉग स्क्वाड की सहायता से विस्फोटक खोज अभियान चलाया गया, जिसमें प्लेटफॉर्म, पार्सल रूम और ट्रेनों की जांच की गई।भीड़भाड़ वाले स्टेशन परिसर में आपदा नियंत्रण के अभ्यास में देखा गया कि कैसे आपातकालीन स्थिति में लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला जाए और संचार व्यवस्था को बनाए रखा जाए।

प्रशासन की सक्रिय भागीदारी

एसएसपी रजनेश सिंह और कलेक्टर संजय अग्रवाल ने दोनों ही स्थलों पर मौजूद रहकर मॉक ड्रिल की बारीकियों को देखा और अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि:इस तरह की मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को बढ़ाती है, बल्कि नागरिकों में भी जागरूकता और आत्मविश्वास का संचार करती है।उन्होंने आम जनता के सहयोग के लिए आभार जताया और भविष्य में भी इस तरह के अभ्यास नियमित रूप से आयोजित करने की बात कही।

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