
देश में आपातकाल जैसी स्थिति और शहर की कानून व्यवस्था हाशिए में…..शाम को हुई पुलिस की मॉक ड्रिल के जरिए आपात हालातों से निपटने का अभ्यास देर रात तक हुई बेअसर…….क्लब का विवाद गहराया…..चलती गाड़ी में लाठी डंडे से किए ताबड़तोड़ हमला…..बगैर एफआईआर के शिकायत लेकर पीड़ित युवतियों को किया चलता…..भाजपा नेता दबाव में आई पुलिस…..मामला थाना तारबाहर क्षेत्र का…..
बिलासपुर–आतंकवाद के समूल विनाश के लिए भारतीय सेना के द्वारा चलाए गए आपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे है। जहां बार्डर और इसके आसपास इलाके में हो रहे ड्रोन हमले और गोलीबारी को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में अलर्ट जारी कर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में कानून व्यवस्था का जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है।जहां देर रात बार क्लब में युवतियों से छेड़खानी के बाद उपजे विवाद में समझौता के नाम पर बुलाकर गाड़ी में तोड़फोड़ और गाड़ी चढ़ाने का मामला सामने आया है।घटना सामने आने के बाद दोनों पक्ष थाना आकर एक दूसरे के खिलाफ लिखित शिकायत किए है।इस घटना के सामने आने के बाद शहर की कानून व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान लग रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बताते चले कि पूरा मामला थाना तारबाहर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक बार क्लब में देर रात पार्टी कर रही युवतियों से कुछ युवक छेड़छाड़ कर रहे थे इसी बीच उन युवतियों के साथ आए युवक उन बदमाश युवकों को वहां से भगा दिए।बार क्लब बंद होते ही नीचे आने के बाद युवक युवतियां अपने घर वापस जाने के लिए सड़क किनारे खड़ी अपनी थार गाड़ी के पास पहुंचे थे की छेड़खानी करने वाले बदमाश युवक बीच सड़क में उन युवक युवतियां से उलझने लगे।धक्का मुक्की के बाद पीड़ित पक्ष अपनी गाड़ी में बैठ कर निकले थे कि समझौता के नाम पर दूसरे पक्ष का युवक रौनक सलूजा श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित साईं मंदिर के सामने पराठा हाउस वाली गली आर 4 में स्थित अपने घर के पास बुलाकर मामले को खत्म करने की बात कहते हुए पीड़ित पक्ष के हर्ष चौरसिया को मोबाइल फोन में काल करके बुलाया।लेकिन पीड़ित पक्ष इस बात से बेखबर था कि आरोपी पक्ष अपनी पूरी तैयारी के साथ वहां दस पंद्रह लोगों को बुलाकर इनको मारने के लिए तैयार बैठे थे।जैसे ही पीड़ित पक्ष वहां पहुंचा तो दूसरे पक्ष के लोग रौनक सलूजा, सैंकी कुंभारे,प्रियांशु कुंभारे,और दस पंद्रह युवक अपने हाथ में रखे बैट डंडे और रॉड से इनकी थार गाड़ी जिसका क्रमांक cg 10 ax 0030 पर ताबड़तोड़ हमला कर दिए।जहां थार गाड़ी में सवार सभी युवक युवतियां अपनी जान बचाते हुए उसी गली से सीधे क्षतिग्रस्त गाड़ी सहित थाना पहुंचे,और आप बीती बात बताई जिसके बाद पीड़ित पक्ष की युवतियों से लिखित में शिकायत ली गई।और इनका मुलाहिजा कराया गया।लेकिन इस मामले में पुलिस अपराध दर्ज करना मुनासिब नहीं समझी और पीड़ित पक्ष से आवेदन लेकर इनको थाने से चलता कर दिया।
वही इस मामले में थाना तारबाहर के उपनिरीक्षक रमनेश यादव ने बताया कि दोनों पक्ष का आवेदन आया है।मामले की जांच की जा रही है।दूसरा पक्ष थाना आया हुआ है उनके आवेदन में कार चढ़ाने को लेकर विवाद होना बताया जा रहा है।इसलिए दोनों पक्ष का आवेदन लिया गया।आगे की जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
शहर में चल रहा उर्स का कार्यक्रम
इस घटना के सामने आने के बाद से शहर की कानून व्यवस्था चरमराई हुई नजर आ रही है।गौरतलब हो कि शुक्रवार से रविवार तक तीन दिनों का पुलिस मैदान में सालाना उर्स का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है।जहां शनिवार को शहर के अलग अलग इलाकों से चादर निकाली जा रही है,और ऐसे में शहर में कोई बड़ी वारदात घटित हो रही तो वह पुलिस के लिए शर्मनाक बात है।इस घटना के समाने आने के बाद से पुलिसिंग व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।चाक चौबंद के सारे दावे इस घटना के सामने आने के बाद खोखले साबित हो रहे है।
पुलिस गाड़ी नहीं मुलाहिजा के लिए
इस घटना में पीड़ित पक्ष को मुलाहिजा के लिए ले जाना था।लेकिन थाना में पुलिस वाहन नहीं होने पर पीड़ित को अपनी क्षतिग्रस्त थार गाड़ी में बैठकर ले जाना पड़ा।जबकि पीड़ित पक्ष ने बताया कि पूरी गाड़ी में तोड़फोड़ की वजह से गाड़ी के अंदर कांच के टुकड़े पड़े हुए और गाड़ी में बैठने और चलाने में भी दिक्कत होगी।उसके बाद भी थाना में मौजूद स्टाफ पीड़ित पक्ष से बदतमीजी करते हुए अपमानित करते हुए दूसरी गाड़ी बुलाने की बात कहकर मुलाहिजा कराने की बात कही।पीड़ित पक्ष मजबूरी में उसी क्षतिग्रस्त वाहन में बैठकर मुलाहिजा कराने गया।आप वीडियो में देख सकते है।
भाजपा नेता के फोन बाद …...
इस घटना को लेकर दूसरे पक्ष के तरफ से शहर भाजपा संगठन से जुड़े एक भाजपा नेता ने फोन करके मामले में दबाव बनाते हुए दूसरे पक्ष को भी थाना भेजकर इनका भी आवेदन भी दिलवाया गया।आवेदन दिलवाने का मुख्य कारण यह था कि पीड़ित पक्ष को डराया और धमकाया गया। जिससे आपस में समझौता हो सके।लेकिन युवतियों ने अपनी शिकायत लेने इंकार कर दिया।
सही जांच से स्पष्ट होगा मामला
आरोप प्रत्यारोप में दोनों पक्ष एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए शिकायत दी।अब पुलिस को इस मामले में अपनी जांच प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी फुटेज और बताई गई बातों पर जोर देकर जांच को सही दिशा दे सकती है।जांच सही तरीके से होने से शहर में कानून व्यवस्था का मजाक उड़ाने वाले के खिलाफ कार्रवाई से एक अच्छा संदेश जायेगा।