राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने रतनपुर में आदिशक्ति माँ महामाया देवी के किये दर्शन….विधिवत पूजा- अर्चना कर देशवासियों की सुख-समृद्धि और प्रगति की कामना की

बिलासपुर– राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज शुक्रवार को ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी रतनपुर स्थित आदिशक्ति माँ महामाया देवी मंदिर पहुँची। यहाँ उन्होंने विधिवत पूजा- अर्चना कर देशवासियों की सुख-समृद्धि और प्रगति की कामना की। पहली बार रतनपुर स्थित महामाया देवी के मंदिर में राष्ट्रपति प्रवास हुआ है।

इस अवसर पर माँ महामाया देवी का राजसी श्रृंगार किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं केंद्रीय जनजाति विकास राज्यमंत्री रेणुका सिंह भी मौजूद रहीं।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी रतनपुर का गौरवशाली इतिहास रहा है।

कलचुरी वंश के शासक रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाया और यहाँ आदिशक्ति माँ महामाया देवी मंदिर का निर्माण कराया। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनवाया गया था। माँ महामाया रतनपुर शाखा के कलचुरी वंश के राजाओं की कुलदेवी थी। यहाँ पर दोनों नवरात्रियों में भव्य मेले का आयोजन होता है, जहां प्रदेश के हर जिले से लोग आते हैं और माँ महामाया के दर्शन कर उनके समक्ष मनोकामनाएं रखते हैं।

सबसे पहले वह रतनपुर जाकर मां महामाया के दर्शन की। फिर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंची।। द्रौपदी मुर्मू बिलासपुर आने वाली चौथी राष्ट्रपति हैं और मां महामाया के मंदिर में दर्शन करने वाली मुर्मू देश की पहली राष्ट्रपति है। ज्ञातव्य है कि द्रोपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।

न्यायधानी बिलासपुर में अब तक के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद का आगमन हो चुका है। खास बात यह है कि तीनों राष्ट्रपति का आगमन गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में ही हुआ है। अब चौथी बार देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी दीक्षांत समारोह में शामिल होने ही न्यायधानी बिलासपुर आई हैं। हालांकि इस दौरान राष्ट्रपति रतनपुर के प्राचीन मां महामाया मंदिर के दर्शन के लिए भी गई। मां महामाया के दर्शन करने वाली देश की पहली राष्ट्रपति है।

महामाया मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। जो बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित हैं। रतनपुर छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी थी। इस दौरान छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोशल के नाम से जाना जाता था। यहां प्राचीन काल में घनघोर जंगल हुआ करता था। राजा रत्नदेव प्रथम एक बार शिकार खेलने के लिए जंगल गए हुए थे। यहां शिकार खेलते हुए वे थक कर एक पेड़ के नीचे सो गए। जब उनकी नींद खुली तो आधी रात हो गई थी और पेड़ के ऊपर अलौकिक रोशनी थी। वहा राजा रत्नदेव को देवी के दर्शन हुए। जिसके बाद उन्होंने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया। रतनपुर के मां महामाया मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम ने सन 1042 ईसवी में करवाया था। 18 वी शताब्दी तक रतनपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रही थी।। यहां का महामाया मंदिर देश भर में प्रसिद्ध है और यहां देश के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू पंडित सुंदर लाल शर्मा के हेलीपेड में उतरी और फिर बाई रोड़ रतनपुर पहुंच कर दर्शन करी।

रतनपुर मंदिर में राष्ट्रपति के दौरे के मध्य जोर-जोर से तैयारी की गई थी। मंदिर प्रबंधन समिति के ट्रस्टियों के अलावा पुजारियों का भी कोविड टेस्ट किया गया है। और उनके आधार कार्ड व फोटो लेकर राष्ट्रपति के दौरे व दर्शन के दौरान उपस्थित रहने के लिए परिचय पत्र व पास जारी किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर यहां आईजी आनंद छाबड़ा ने दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है और सुरक्षा की समीक्षा की हैं। राष्ट्रपति के आगमन के दौरान कल शुक्रवार को रतनपुर से लेकर कटघोरा और बिलासपुर मार्ग तक आवागमन बंद कर दिया गया है। आज भी सुरक्षा का रिहर्सल किया गया।

बिलासपुर आने वाले राष्ट्रपति:

बिलासपुर में आने वाली राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू चौथी राष्ट्रपति हैं। इससे पूर्व तीन राष्ट्रपति भी बिलासपुर आ चुके हैं। खास बात यह है कि तीनों राष्ट्रपति भी गुरुघासीदास यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में ही शामिल होने आए थे।

सबसे पहले ज्ञानी जैल सिंह 1986–87 में गुरु घासीदास के दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए थे। यह किसी भी राष्ट्रपति का पहला बिलासपुर दौरा था। इस दौरान गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी का भवन नहीं बना था और यह किराए के भवन में संचालित था। तब नूतन चौक के कन्याशाला मैदान में दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम किया गया था।

फिर 2006 में देश के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम बतौर राष्ट्रपति यूनिवर्सिटी के पांचवे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। कलाम के बाद 2020 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद यह पहला राष्ट्रपति का दौरा था। उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन में रात्रि विश्राम किया था।अब गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू शामिल हुई।

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