कैदी ने खाया जहर आत्महत्या का प्रयास.. जेल और पुलिस की लापरवाही से फिर उठा सवाल….अंबिकापुर जेल प्रबंधन पर लगाए प्रताड़ना के आरोप…..

बिलासपुर। बिलासपुर केंद्रीय जेल और पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी मुकेश कांत ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। गंभीर हालत में उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, मस्तूरी क्षेत्र निवासी मुकेश कांत 2013 से हत्या के मामले में सजा काट रहा था। इसी साल फरवरी में इलाज के दौरान वह अंबिकापुर जेल से फरार हो गया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद मंगलवार को उसने बिलासपुर कलेक्टर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर के दौरान उसने एक लिखित आवेदन में अंबिकापुर जेल प्रबंधन पर प्रताड़ना और वसूली के गंभीर आरोप लगाए थे।

कलेक्टर ने तत्काल सिविल लाइन पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कैदी को थाने ले जाकर कुछ देर पूछताछ के बाद केंद्रीय जेल बिलासपुर भेजा, लेकिन देर रात उसे फिर से थाने लौटा दिया गया। हैरानी की बात यह है कि थाने के बाहर कैदी को बिना किसी सुरक्षा या निगरानी के छोड़ दिया गया, जिसके बाद वह अपने घर चला गया।

सुबह जब उसे यह पता चला कि अंबिकापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करने बिलासपुर आ रही है, तो उसने तनाव में आकर जहर खा लिया। परिवार ने तुरंत उसे सिम्स अस्पताल पहुंचाया।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस और जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी। उन्होंने कहा कि मुकेश ने खुद सरेंडर किया था, फिर भी अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों के अनुसार, मुकेश ने कई बार कहा था कि अंबिकापुर जेल में उसे प्रताड़ित किया जाता है और वह वहां वापस नहीं जाना चाहता।

इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।

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