
छै माह बीतने को फिर भी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई…..जांच रिपोर्ट के इंतजार में रेलमंडल…..
बिलासपुर–खोंगसरा और भनवारटंक के बीच 26 नवंबर 2024 को हुए मालगाड़ी डिरेलमेंट की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। बता दें कि, हादसे के छह माह बीत जाने के बावजूद रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की रिपोर्ट बिलासपुर रेल मंडल को सौंपा नहीं गया है। उल्लेखनीय है कि यह जांच 180 दिन के भीतर पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी थी।
घटना उस वक्त हुई जब कोरबा से राजस्थान की ओर कोयला लेकर जा रही सुपर लांगहॉल मालगाड़ी के 22 वैगन पटरी से उतर गए। हादसा सुबह 11:11 बजे हुआ, जिससे बिलासपुर से पेण्ड्रा रोड के बीच अप और डाउन दोनों लाइन पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया था। तकरीबन 29 घंटे के कठिन प्रयासों के बाद डाउन लाइन को बुधवार शाम 4:15 बजे पुनः चालू किया गया। हादसे में लोडेड कोयले के साथ-साथ रेलवे की ओएचई लाइन, सिग्नल सिस्टम और खंभों को भी भारी नुकसान पहुंचा। करोड़ों रुपये के नुकसान के बावजूद अभी तक न तो नुकसान की पूरी भरपाई हो सकी है, और न ही दुर्घटनास्थल पर गिरे मालगाड़ी के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाया गया है। जानकारी के अनुसार, इन्हें तभी हटाया जाएगा जब जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी।
रेलवे बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। इसी क्रम में 29 नवंबर 2024 को कोलकाता स्थित दक्षिण पूर्व सर्कल के रेल संरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा बिलासपुर पहुंचे और रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 113 के तहत विधिवत जांच शुरू की।
हादसे के बाद रेलवे ने यह भी तय किया है कि गिरा हुआ कोयला एकत्र कर उसे नीलामी के जरिए बेचकर नुकसान की आंशिक भरपाई की जाएगी। हालांकि, डिब्बों की मरम्मत या निष्पादन का फैसला सीआरएस रिपोर्ट के बाद ही लिया जाएगा।