मरवाही उपचुनाव में बेटे और बहू के नामांकन रद्द होने पर रेणु जोगी ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा
जनता कांग्रेस को छत्तीसगढ़ के मरवाही उपचुनाव में अपने बेटे और बहू के नामांकन रद्द किए जाने पर उस अन्याय के खिलाफ जारी न्याय यात्रा को भले ही अनुमति नहीं मिली हो पर कोटा विधायक रेणु जोगी गांव गांव हाट बाजार जाकर लोगों से मिल रही है और अपने स्वर्गवासी पति अजीत जोगी की लिखी हुयी किताब सपनों का सौदागर की प्रतियां बांट रही है। रेणु जोगी ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि अजीत जोगी के ही धान खरीदी के मुददे को कांग्रेस ने चुराया और सरकार में आ गये। 69 सीटों पर जीतकर आने के बाद भी पता नहीं भूपेश बघेल को क्या दिक्कत पीड़ा है कि वो मरवाही में चुनाव लड़ने से ही जोगी परिवार को वंचित कर दिया। जबकि कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं के लिये उनके सम्मान में सीट छोड़ने की परंपरा चली आ रही थी पर यहां भूपेश बघेल ने स्वर्गीय जोगी को सम्मान तो दूर मरवाही में लड़ने से रोक दिया। और मरवाही में हमारे नहीं लड़ने से मरवाही की जनता का ही नुकसान हो रहा है और ये सरकार पूरे प्रदेश में दूसरे जगह ऐसा नहीं कर सके इसलिये न्याय यात्रा निकाल रहे है। रेणु जोगी ने कहा कि यदि मान लीजिये 70वां विधायक यहां से चुन भी लिया गया तो क्या होगा। सत्यनारायण शर्मा, धनेश साहू, अरूण वोरा अमितेश शुक्ला को मार्गदर्शक मंडल में बैठाकर किनारे कर दिया है जबकि उनके अनुभव का लाभ सरकार को लेना था। रेणु जोगी ने कहा कि मेरे जीवन में लोकतंत्र का सबसे काला दिन वह था जब नामांकन रिजेक्ट किया गया दुबारा ऐसा न हो इसलिये अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वहीं जेसीसीजे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि लोग मुझसे कितनी भी नफरत करें मेरे लिए मरवाही के सभी लोग एक बराबर है वो किसी भी दल में क्यों न रहे मेरे दिल में रहते हैं, लोग मेरे प्रति दुर्भावना भले ही क्यों न रखें मेरी सबके प्रति सदभावना है।