सालसा द्वारा कानूनी जागरूकता पर आधारित शार्ट फिल्म फैस्टिवल का आयोजन
बिलासपुर -राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘‘अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान’’ 02 अक्टूबर से दिनांक 14 नवम्बर, 2021 तक 45 दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत माननीय न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी, मुख्य न्यायाधीश, छ.ग. उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश एवं न्यायूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश, छ.ग. उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर एवं जीपीआरएसएस के तकनीकी सहयोग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर के साथ पं. दीनदयाल उपाध्याय आॅडिटोरियम, रायपुर में कानूनी जागरूकता पर आधारित- शार्ट फिल्म फैस्टिवल, प्रतियोगिता एवं समारोह का आयोजन 09 से 12 नवम्बर 2021 तक किया जा रहा है।
उपरोक्त शार्ट फिल्म फैस्टिवल का शुभारंभ दिनांक 09 नवंबर 2021 को वर्चुअल मोड के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश. एन.व्ही. रमना, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू.यू.ललित, केन्द्रीय विधि मंत्री किरण,. रिजजू एवं अन्य अतिथियों की उपस्थिति में नालसा एवं उ.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक सेवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया गया, उक्त शुभारंभ समारोह से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, कार्यपालक अध्यक्ष एवं अन्य न्यायाधीशों की गरिमामयी आतिथ्य में विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया, उक्त समारोह में छत्तीसगढ़ के समस्त 23 सिविल जिलों, तालुकाओं को जोड़ा गया था।
उपरोक्त समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं यूनिसेफ द्वारा बच्चों के मानसिक विकास पर तैयार की गई पुस्तिका ‘‘उमंग’’का विमोचन किया गया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश एन.व्ही. रमना ने कहा कि फिल्म फैस्टिवल का आयोजन एक सराहनीय प्रयास है, उनके द्वारा पुस्तिका उमंग विमोचित की गई।
नालसा के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय श्री न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने अपने सम्बोधन में 02 अक्टूबर से 14 नवम्बर 2021 तक आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत की गई गतिविधियों की चर्चा करते हुए जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्रीय विधि मंत्री किरण जिजयू ने अपने सम्बोधन में कहा कि नालसा न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में बहुत अच्छा कार्य कर रही है। देश के कोने कोने एवं गांव गांव तक पहुंचकर लोगों को जागरूक करना तथा वंचित लोगों को उनके अधिकार का लाभ दिलाना महत्वपूर्ण है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी ने अपने सम्बोधन में फिल्म फैस्टिवल में शामिल की गई विषयों के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर यूनिसेफ के माध्यम से तैयार की गई पुस्तिका उमंग का भी विमोचन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम रायपुर में पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में दर्शकों की भौतिक उपस्थिति में आयोजित किया गया था, जहां शुभारंभ समारोह का वर्चुअल मोड से प्रसारण किया गया। आॅडिटोरियम में कार्यक्रम को अरविंद कुमार वर्मा, जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जि.वि.से.प्रा. रायपुर के द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
जीपीआरएसएस के तकनीकी सहयोग से इस फिल्म समारोह में प्रदर्शित फिल्मों को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। जिसको को कोरोना गाईड का पालन करते हुए देखने की व्यवस्था की गई है।
छत्तीसगढ उच्च न्यायालयय के कांफ्रेंस हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, माननीय न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति पी.सैम कोशी, माननीय न्यायमूर्ति संजय एस.अग्रवाल, अध्यक्ष उ.न्या.वि.से.स., न्यायमूर्ति आरसीएस सांमत,न्यायमूर्ति पी.पी. साहू, न्यायमूर्ति गौतम चैरड़िया,श्रीमती न्यायमूर्ति विमला सिंह कपूर, माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, न्यायमूर्ति नरेशकुमार चन्द्रवंशी, न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी, सतीश चन्द्र वर्मा, महाधिवक्ता, संजय जायसवाल रजिस्ट्रार जनरल, एवं रजिस्ट्री के अधिकारी, के.एल. चरयाणी निदेशक राज्य न्यायिक ऐकेडमी तथा ऐकेडमी के अधिकारीगण, उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान, सचिव अरविंद दुबे, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल, अवर सचिव द्विजेन्द्रनार्थ ठाकुर उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सभी 23 सिविल जिला एवं तालुकाओं में वर्चुअल मोड पर देखा गया।