संघ कोई पैरामिलिट्री ऑर्गेनाइजेशन अर्धसैनिक बल नही–मोहन भागवत

*संवाददाता महेंद्र पाल सिंह की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़–आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सरगुजा संभाग के दौरे पर है।इस दौरान संघ प्रमुख ने जशपुर जिले में पहुंचकर स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के प्रतिमा का अनावरण किया उसके बाद दूसरे दिन संभाग मुख्यालय अंबिकापुर पहुंचे।इस दौरान 10 हजार से अधिक संख्या में स्वयंसेवकों के द्वारा पथ संचलन किया गया और पथ संचलन करते हुए पीजी कॉलेज ग्राउंड पहुंचे, जहा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान विभिन्न समाज के लोग भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि संघ का काम समझना है तो तुलना करके काम नहीं चलता है।गलतफहमी होने की संभावना ज्यादा रहती है। संघ के द्वारा ऐसे कार्यक्रम होते हैं रहते हैं। स्वयंसेवकों के पास डंडा है तो लाठी काठी सीखते रहते हैं। तो लोगों को लगता है कि संघ कोई पैरामिलिट्री ऑर्गेनाइजेशन अर्धसैनिक बल है जबकि ऐसा नहीं है। संघ में कई प्रकार के कार्यक्रम व्यायाम कबड्डी, संगीत होते रहते हैं इसका मतलब यह नहीं कि संघ इन चीजों के लिए बना हुआ है। स्वयंसेवक राजनीति से लेकर कलाक्रीड़ा के क्षेत्र तक सक्रिय हैं। लेकिन संघ का नाता इन किसी से नहीं जुड़ा हुआ है।

स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है,, भागवत ने विज्ञान का हवाला देते हुए बताया है कि 40 हजार वर्ष पहले से जो अखंड भारत था उन सब का डीएनए एक है, काबुल के पश्चिम से चिंदविन नदी के पूरब तक और तिब्बत के उत्तर के ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समुदाय आज हैं उन सब का डीएनए 40 हजार वर्ष से सामान्य है।यह सभी ऋषि मुनियों के वंशज हैं।और तब से ही हमारे पूर्वज भी सामान्य हैं।।

हालांकि संघ प्रमुख मोहन भागवत के दौरे कार्यक्रम के दौरान भाजपा संगठन के कई कद्दावर नेता मंच के नीचे देखे गए।मोहन भागवत के बयान के बाद यह तो साफ है कि संघ के लोग राजनीति में जरूर हैं लेकिन संघ उन्हें अपने से जुड़ा नहीं मानती। लेकिन विज्ञान का हवाला देते हुए मोहन भागवत ने जिस प्रकार से डीएनए पर सवाल उठाए हैं।तो अब उनके इस बयान के बाद राजनीति गलियारों में इसके क्या मायने निकाले जायगे।यह कह पाना अभी थोड़ा मुश्किल है।

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