
श्याम सुंदर कश्यप ने कहा कि उन्हें विधिवत तरीके से सरपंच संघ तखतपुर का अध्यक्ष चुना गया है…. केकती के सरपंच शैलेंद्र सिंह ठाकुर को उन्होंने बताया फर्जी अध्यक्ष…
बिलासपुर– तखतपुर सरपंच संघ के अध्यक्ष श्याम सुंदर कश्यप ने शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचकर एक दूसरे सरपंच द्वारा खुद को स्वयंभू अध्यक्ष बताए जाने पर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने बताया कि केकती के सरपंच शैलेंद्र सिंह ठाकुर होली मिलन के बहाने कुछ सरपंच के प्रतिनिधियों को बुलाकर स्वयं को अध्यक्ष घोषित कर लिया जबकि जिस दिन सरपंच के प्रतिनिधियों को बुलाया गया उस दिन 80 सरपंचों का प्रशिक्षण चल रहा था। इससे यह साफ है कि उस बैठक में सरपंच उपलब्ध नहीं हुए थे उनके प्रतिनिधियों के जरिए वे स्वयं को अध्यक्ष घोषित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तखतपुर ब्लॉक में 124 सरपंच है जिनमें 90 सरपंचों ने उन्हें ही अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
शैलेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा खुद को अध्यक्ष घोषित किए जाने को उन्होंने फर्जी अध्यक्ष करार दिया है। क्षेत्र के कई सरपंचों के साथ प्रेस क्लब पहुंचे श्री कश्यप ने बताया कि इसके पहले विधिवत रूप से उनका निर्वाचन संपन्न किया गया,जिसमें उन्हें सरपंच संघ का अध्यक्ष घोषित किया गया।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्रधान/ मुखिया/ सरपंच संघ के निर्देशन में तखतपुर सरपंच संघ का निर्वाचन बीते दिनों कानन पेंडारी में आयोजित किया गया था। चुनाव अधिकारी के रूप में सचिव संघ तखतपुर के अध्यक्ष तुलसी कुमार ध्रुव, हर प्रसाद भास्कर, रुखसाना खान, शुभा साहू सरपंच संघ की ओर से संरक्षक लक्ष्मी कुमार जायसवाल की उपस्थिति में राष्ट्रीय प्रधान मुखिया सरपंच संघ तखतपुर के अध्यक्ष पद का लोकतांत्रिक प्रणाली से निर्वाचन सम्पन्न किया गया, जिसमें कुल चार प्रत्याशियों ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्रों के जांच पश्चात नाम वापसी के लिए समय दिया गया, लेकिन किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। उसके बाद मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ की गई जिसमें कुल 90 सरपंचों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें श्याम सुंदर कश्यप को 44 मत लक्ष्मी खंडे को 37 मत मंजन साहू को पांच मत संतोष फेकू लाल साहू को दो मत मिले। दो मत निरस्त किए गए।इस तरह से श्याम सुंदर कश्यप सरपंच परसाकापा को सात मतों से विजयी घोषित किया गया। श्याम सुंदर कश्यप ने 27 मार्च को सरपंच संघ की कार्यकारिणी का गठन भी कर दिया जिसमें तमाम पदाधिकारी के रूप में सरपंचों को जगह दी है।