सीपत थाना विवाद……प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर को शौचालय में लगाने से मचा बवाल…..भाजपाइयों ने थाने का किया घेराव….थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग…..

बिलासपुर– दीपावली के बाद सीपत थाना एक बड़े विवाद में घिर गया है। यहां थाना परिसर में बने सार्वजनिक शौचालय के दरवाजे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के चित्र वाला बैनर अस्थायी रूप से दरवाजे के रूप में इस्तेमाल किया गया। जैसे ही यह मामला सामने आया, भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते थाने के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता जुट गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे।

सूत्रों के अनुसार,सुशासन पखवाड़ा के तहत यह बैनर लगाया गया था, लेकिन थाने में शौचालय का दरवाजा टूट जाने के कारण बैनर को अस्थायी रूप से दरवाजे के रूप में लगा दिया गया। यह मामला जब सोशल मीडिया और स्थानीय भाजपा नेताओं तक पहुँचा तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। भाजपा जिला ग्रामीण उपाध्यक्ष राज्यवर्धन कौशिक, मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष अभिलेष यादव, वरिष्ठ नेता मन्नू ठाकुर, मदनलाल पाटनवार, बसंत साहू, भाजयुमो अध्यक्ष तुषार चंद्राकर सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता थाने पहुँच गए और कड़ी आपत्ति जताई।

भाजपा नेताओं ने थाना प्रभारी गोपाल सतपथी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके संरक्षण में थाना क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री, जुआ और अन्य आपराधिक गतिविधियाँ खुलेआम चल रही हैं। आरोप है कि थाना परिसर के अंदर ही कुछ बंद कमरों में बाहरी लोगों को बुलाकर शराबखोरी की जाती है, जिसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

जब कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी से जवाब मांगा तो उन्होंने कोई स्पष्ट सफाई नहीं दी, जिससे गुस्सा और भड़क गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की, “टीआई हटाओ, थाना बचाओ! पुलिस की गुंडागर्दी बंद करो! प्रधानमंत्री का अपमान बंद करो!” इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर का अपमान करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की।

मामले की जानकारी मिलते ही सीएसपी निमितेश सिंह मौके पर पहुँचे और नाराज कार्यकर्ताओं से चर्चा की। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कहा कि यह मामला केवल “पोस्टर” का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष संवैधानिक पदों के अपमान का है। भाजपा नेताओं ने सीएसपी और थाना प्रभारी, दोनों के खिलाफ जांच की मांग की। उनका आरोप था कि “थाना परिसर में अनुशासन और मर्यादा पूरी तरह खत्म हो चुकी है, और वरिष्ठ अधिकारियों की शह पर ऐसी घटनाएँ घट रही हैं।

भाजपा सीपत मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने एक और गंभीर आरोप लगाया कि थाना के लोकार्पण के दौरान लगाया गया शिलालेख जानबूझकर हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में बने उस शिलालेख को हटाना “राजनीतिक द्वेष” का प्रतीक है। शर्मा ने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और थाना प्रभारी व सीएसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की है।

भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे थाना घेराव और सड़क आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, डीएसपी निमितेश सिंह ने कहा कि “मामले की जांच जारी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।लेकिन इस घटना से एक बात तो साफ हो गई कि भले इस प्रदेश में दो साल से भाजपा की सरकार की लेकिन आज भी पुलिस विभाग के आला अधिकारियों में पिछली पूर्ववर्ती सरकार की सोच और वही ढर्राशाही को अपनाते हुए कार्य किया जा रहा है।इस घटना के सामने आने के बाद इनकी जमीनी

फिलहाल मामला गंभीर होता जा रहा है, और पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक हस्तक्षेप व अनुशासनहीनता के आरोपों ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है। सीपत थाना फिलहाल सियासी तूफान के केंद्र में है, और लोग यह जानने के इंतजार में हैं कि क्या शासन इस मामले में वास्तव में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा या मामला फिर किसी समझौते की भेंट चढ़ जाएगा।

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