छै वर्षीय शाहिल अपने परिजन के साथ पहुंचा ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट….मिडिया के माध्यम से लगाई गुहार…..जानिए क्या है पूरा मामला

बिलासपुर–एक तरफ जहां पर शासन आम जनता के लिए अमृत मिशन जैसी योजना का तहत स्वच्छ जल मिले इसके लिए करोड़ों रूपय खर्च कर रही है।लेकिन वही दूसरी तरफ निगम प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के कारण आज भी शहर के कई क्षेत्र है जहा पर स्वच्छ जल के लिए तरसना पड़ रहा है।

सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर एक छै वर्षीय बालक अपने हाथो में गंदे पानी की बोतल के साथ जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कर साफ जल मिले इसके लिए गुहार लगाई।बिलासपुर के तालापारा वार्ड कं. 23 खान बाड़ी, गली नं. एक के रहवासी विगत 02-03 वर्षों से नाली का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है।

वार्ड के 6 वर्ष के बच्चे शाहिल मीडिया के माध्यम ने गुहार लगाई है की उसे पिने के लिए साफ पानी दिया जाय ताकि वह बीमार होने से बच सके।

आपको बता दे की नगर निगम व कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को मौखिक और लिखित पत्रों के माध्यम से वार्ड के लोगो द्वारा अवगत कराया गया है इसके बावजूद या तो पानी का टेंकर भेजकर अथवा झूठे आश्वासन देकर रहवासियों को शांत कर देते है।

भोली-भाली जनता व्यक्तिगत तौर पर समस्या का अस्थायी हल निकाल लेती है। विगत माह में उक्त समस्या विकराल रूप धारण कर पेयजल के वर्षों पुराना पाईप लाईन सड़ जाने से लीकेज होने तथा नाली से पेयजल पाईप लाईन के सटे होने के कारण नाली का गंदा पानी का प्रवाहन घरों में लगातार हो रहा है जिस सम्बन्ध मे विभाग को सूचित भी किया जा चूका है लेकिन विभाग केवल आश्वासन पे दिए जा वार्ड के लोगो द्वारा अमृत मिशन के पाइप लाईन से जोड़कर समस्या का स्थाई निदान की मांग भी कर चुके है परंतु समस्या का निदान आज तक नहीं किया जा सका है।
जिस कारण हम रहवासी अत्यंत दुखी है एवं गंदे पानी के कारण बच्चों के बिमार होने का डर लगा रहता है।

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