विवेचना में नवाचार से सफलता…. हत्या के मामलों में आरोपियों को हुई उम्रकैद…..पुलिस के नवाचार से अदालत में दोहरे हत्याकांड में आया फैसला…विवेचना में बदलाव से साक्ष्य मजबूत….

बिलासपुर–जुलाई 2023 में थाना लेमरू, जिला कोरबा में घटित दो हत्या के मामलों में पुलिस ने नए तरीके से जांच को अंजाम दिया। घटनाओं के चश्मदीद गवाहों के मुकरने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने एक ऐसा कदम उठाया जो निर्णायक साबित हुआ। विवेचना में नवाचार करते हुए पुलिस ने अपने ही आरक्षक को बतौर गवाह शामिल किया। इस आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पुलिस गवाह की भूमिका: नवाचार से मजबूत हुआ मामला

विवेचना में यह देखा गया कि चश्मदीद गवाह और आरोपी आपस में रिश्तेदार और एक ही गांव के होने के कारण बयान बदल सकते हैं। पुलिस ने यह समझते हुए, विवेचना में नए तरीके का उपयोग किया और एक पुलिसकर्मी को गवाह बनाया। इस पुलिसकर्मी के साक्ष्य को अदालत ने पुख्ता मानते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया।

मामला 1: पुरान सिंह द्वारा पत्नी की हत्या

**अपराध क्रमांक:** 08/2023
**धारा:** 302, 201 भारतीय दंड संहिता

इस मामले में मृतिका विश्वा देवी कंवर और आरोपी पुरान सिंह कंवर पति-पत्नी थे। 12 जुलाई 2023 को दोनों जंगल में सरई पत्ता तोड़ने गए थे। लौटते वक्त पुरान सिंह आगे निकल गया, जबकि उसकी पत्नी थकान के कारण एक पेड़ के नीचे आराम कर रही थी। पुरान सिंह चरित्र पर शक करते हुए वापस लौटा और सरई लकड़ी से उसकी हत्या कर दी। वापस घर आकर उसने बेटी को यह बात बताई और झूठी शिकायत दर्ज कराई कि उसकी पत्नी पेड़ से गिरकर मरी। पुलिस द्वारा हिकमत से पूछताछ पर उसने हत्या स्वीकार की। पुलिस ने घटनास्थल से डंडा और खून से सने कपड़े भी बरामद किए।

अदालत में गवाह अपने बयान से मुकर गए, परंतु पुलिसकर्मी के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपी पुरान सिंह को उम्रकैद और धारा 201 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया।

मामला 2: समार साय द्वारा पड़ोसी महिला की हत्या

**अपराध क्रमांक:** 09/2023
**धारा:** 302, 450 भारतीय दंड संहिता

30 जुलाई 2023 को समार साय ने अपनी पड़ोसी सरोज बाई की हत्या कर दी। सरोज का आए दिन समार साय की पत्नी से झगड़ा होता था, जिसके चलते समार ने बदले की भावना से यह कदम उठाया। उसने सरोज के घर में घुसकर डंडे से उस पर वार किए और घटनास्थल से भाग गया। मरने से पहले सरोज ने अपनी बहन सीलो बाई को घटना के बारे में बताया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ कर घटना का विवरण प्राप्त किया और खून से सने कपड़े व डंडा जब्त किया।

इस मामले में भी गवाहों के बयान से पलट जाने के बावजूद पुलिसकर्मी के बयान को आधार बनाकर न्यायालय ने समार साय को उम्रकैद और धारा 450 में सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

नवाचार की सफलता से अन्य गंभीर मामलों में नई दिशा

उप निरीक्षक कृष्णा साहू, जो घटना के समय थाना लेमरू में पदस्थ थे और वर्तमान में थाना सरकंडा में कार्यरत हैं, द्वारा इस नवाचार को अपनाया गया। विवेचना में पुलिसकर्मी को गवाह बनाने का यह तरीका पुलिस के लिए एक मार्गदर्शक साबित हो सकता है। इससे यह साफ हो गया कि यदि विवेचना में ऐसी रणनीति अपनाई जाए, तो गंभीर मामलों में गवाहों के पलटने के बावजूद दोषियों को सजा दिलाई जा सकती है।

Related Articles

Back to top button