पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बैंकिंग और सुरक्षा उपायों पर ली बैठक….सुरक्षा पर दिया गया जोर….
बिलासपुर–बिलासा गुड़ी में पुलिस अधीक्षक (एसपी) रजनेश सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी बैंक प्रबंधक, सीएसएम प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के प्रतिनिधि, और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुज कुमार, कोतवाली सीएसपी अक्षय सबद्रा, और सहायक एसपी सुमित कुमार धोत्रे भी उपस्थित थे।
बैठक का उद्देश्य बैंकों में म्यूल खातों और संदिग्ध खातों पर चर्चा करना, बैंक और एटीएम सुरक्षा में सुधार लाना, धन ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना और सभी बैंकों में सुरक्षा ऑडिट का कार्यान्वयन करना था।
एसपी श्री रजनेश सिंह द्वारा जारी प्रमुख निर्देश
अवैध लेन-देन की रिपोर्टिंग बैंकों को म्यूल खातों में अवैध धन जमा की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी होगी। एटीएम सुरक्षा सभी एटीएम पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य है, जिससे ग्राहकों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।धन ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा: धन परिवहन करने वाले वाहनों के साथ पेशेवर, लाइसेंसधारी सुरक्षा गार्ड होने चाहिए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।सुरक्षा ऑडिट: सभी बैंकों को पुलिस विभाग के सहयोग से विस्तृत सुरक्षा ऑडिट करना आवश्यक है।
ताकि संभावित कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सके।सीसीटीवी निगरानी: बैंकों को उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने चाहिए, जो स्पष्ट रूप से गतिविधियों को कैप्चर कर सकें, साथ ही बेहतर ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग क्षमताएं होनी चाहिए, जिससे निगरानी और जांच में सहायता मिले।
साइबर अपराध रिपोर्टिंग:
एसपी श्री सिंह ने बैंक अधिकारियों को साइबर अपराधों की तुरंत रिपोर्टिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
बैठक के दौरान, बैंक अधिकारियों, आबकारी विभाग, और सीएसएम प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के प्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को सम्मानपूर्वक सुना गया। एसपी श्री सिंह ने आश्वासन दिया कि सभी इनपुट्स का मूल्यांकन करके सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को शहर में कानून और व्यवस्था के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए, जिससे सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण की प्रतिबद्धता को मजबूत किया जा सके।