लगातार हो रही बारिश से शहर हुआ तरबतर,कई इलाकों मे जल भराव की समस्या

बिलासपुर- दो दिन तक लागातार हुए बारिश ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी की पोल खोल कर दी है। स्मार्ट सिटी में न तो ड्रेनेज की कोई व्यवस्था है और ना ही बारिश के पानी के निकासी का कोई ठोस प्लान है। करोड़ों का फंड होने के बाद भी स्मार्ट सिटी अब तक पानी निकासी के स्थाई समाधान को लेकर कोई प्रोजेक्ट व प्रस्ताव नहीं बना सका है।

इधर जलभराव के बीच शहर की जनता परेशान है। कई वार्ड मोहल्ले, घर, स्कूल अब भी जलमग्न हैं। निगम अपनी लाचारी का ठीकरा प्रकृति पर फोड़ रहा है।दरअसल, बिलासपुर शहर को स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप किया जा रहा है।

करोड़ों के कई प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत शहर में संचालित हैं। लेकिन विडंबना है कि, स्मार्ट सिटी में स्मार्ट ड्रेनेज और वाटर लॉगिंग की समस्या के समाधान को लेकर कोई प्लान नहीं है। स्मार्ट सिटी के करोड़ों रुपए जरूरी सुविधाओं से परे केवल रंग रोगन में फूंके जा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी से अब तक शहर के वाटर लॉगिंग और ड्रेनेज की समस्या के स्थाई समाधान के लिए कोई ठोस और बड़ा प्लान तैयार नहीं किया जा सका है। इसका प्रभाव ये हो रहा है कि बारिश के साथ शहर जलमग्न हो रहा है। लोगों के घर, दुकानों के साथ मोहल्लों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है। यही नहीं स्थिति ये है कि कई जगहों में पानी निकलने में 24 से 48 घंटे लग जा रहे हैं। लोगों को या तो घरों में कैद होना पड़ रहा है, या फिर लोग घर छोड़कर दूसरे जगह चले जा रहे हैं।

शहर के सिरगिट्टी, तोरवा, सरकंडा, तालापारा, जरहाभांटा, तिफरा, मन्नाडोल, विद्या नगर, व्यापार विहार, पुराना बस स्टैंड, उसालापुर, बंधवापारा जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। इन क्षेत्रों में जलभराव की ये समस्या लंबे समय से है, हर बारिश में यहां लोगों को वाटर लॉगिंग की समस्या से परेशान होना पड़ता है।

इसके बावजूद स्मार्ट सिटी और निगम समस्या के समाधान में फेल साबित होते रहे हैं। इनकी लाचारी यहीं तक नहीं है, दो दिन तक लागातार हुए बारिश में जलभराव के कारण जनता परेशान रही लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी।

अब भी कई क्षेत्र जलभराव के कारण प्रभावित हैं लेकिन जिम्मेदारों के पास पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।

लोगों को उनके हाल में छोड़ दिया गया है और पानी उतरने का इंतजार किया जा रहा है। इधर निगम अपने इस लाचारी का ठीकरा अब प्रकृति पर फोड़ रहा है और ज्यादा बारिश को इस समस्या का कारण बता रहा है। वहीं स्मार्ट सिटी पर भी इस समस्या को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों का कहना है स्मार्ट सिटी अपने मन से कोई भी प्लान बनाकर फिजूल खर्ची कर रहा है। जनप्रतिनिधियों को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं करने के कारण समस्या के लिहाज से ठोस और कारगार प्लान नहीं बन पा रहे हैं।

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