न्यायधानी की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में … अपराधियों से नही हो रहा पुलिस का मोहभंग ..? भाजपा नगर विधायक अमर की चेतावनी को पुलिस कप्तान ले रहे हल्के में

बिलासपुर–प्रदेश में कानून व्यवस्था प्रमुख रूप से चुनावी मुद्दा बना हुआ था । कांग्रेस राज में बदमाश गुंडे पूरी तरह से राजनैतिक और पुलिस संरक्षण में आतंक का खौपनाक खेल खेल रहे थे बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने भी चुनाव जीतने के बाद अपराधियों को चेतावनी दी थी की वह सुधर जाए नही तो शहर का बेटा और भाई उन्हें सुधार देगा ।
वहीं इसके उलट बिलासपुर में पुलिस प्रशासन पर सत्ता परिवर्तन का कोई असर होता नही दिख रहा है । पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारी आज भी कानून व्यवस्था को संजीदगी से नहीं ले रहे है और अपने हिसाब से अभी भी अपराधियों को खुला संरक्षण देते साफ दिखाई दे रहे है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के बिलासपुर प्रवास के दौरान नाबालिक हत्याकांड के मुख्य आरोपी वसीम खान की गिरिफ्तारी को भी सिविल लाइन पुलिस ने मीडिया से छुपाने का भरपूर प्रयास किया गया वही अब हिट एंड रन के मामले में पुलिस की सिटी कोतवाली पुलिस की दरियादिली सामने आई। जहां पर पुलिस कार्रवाई में निलंबित एनएसयूआई के प्रदेश सचिव की दबंगई आज भी बरकरार नजर आते हुए दिख रही है। एक तरफ अपराध को अंजाम देने वाले आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है तो वही घटना में प्रयुक्त कार खुद चल कर देर रात को थाने में आकर सरेंडर कर देती है।

आपको बताते चले की बीते नवंबर माह के 19 तारीख को एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अपनी कार से जिला शहर युवा कांग्रेस महासचिव के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर किया था जानलेवा हमला….इस हमले में जिला महासचिव सहित दो को आई थी गंभीर चोट…इलाज के लिए अपोलो में भर्ती किया गया था। जहां पर एक को गंभीर चोट होने के कारण कई दिनों तक अपोलो अस्पताल में उपचार चला।

सरकार बदलने का भी पुलिस में नही डर

घटना का सीसीटीवी वीडियों सामने आने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।वही अब इस मामले में एक कबाड़ी और कांग्रेस नेता के शह में आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस इस हद तक गिर जायेगी की सरकार के बदलने का भी इनको कोई डर भय नही है।इनके लिए पीड़ित से ज्यादा आरोपी वह भी जो अपराधिक मामले में सलिप्त रहते है।उनके प्रति इनकी ईमानदारी और निष्ठा साफ देख सकते है।इतने बड़े कांड को अंजाम देने वालो में कई आरोपियों का नाम सामने आया था उसके बाद इस मामले में पुलिस किस दबाव में आकर अन्य आरोपियों को बचाने के लिए अलग अलग तर्क देकर इस मामले में सभी को बचाने में लगी है।वह भी समझ से परे है।वही वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है की हत्या के उद्देश्य से हमला किया गया।उसके बाद भी जानलेवा हमले की धारा नही जोड़ी गई।कांग्रेस राज में गेंगवार और कई बड़ी अपराधिक घटना सामने आई थी।जिसमे बिलासपुर पुलिस की अपराधियो के प्रति मोहभंग नही रहा और उनको पूरा समर्थन भी मिलता रहा। रतनपुर कांड ने पूरे देश विदेश में बिलासपुर को शर्मशार किया था पुलिस कप्तान को हटाने की मांग करते हुए हिंदू संगठनों ने पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन किया था लेकिन उसके बाद भी पूरे मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सिर्फ जांच कर खानापूर्ति कर मामले को ठंडा कर दिया गया है ।
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है।इस मामले में बड़ा लेन देन हुआ है।लेनदेन की बात इस बात को सही साबित हो रही की आरोपी के पहले उसकी गाड़ी थाने में आ जाती है।और आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर रहता।और थाना प्रभारी यह बता रहे की मंगलवार को आरोपी सरेंडर करेगा।जबकि इस मामले में कई आरोपियों के नाम सामने आए थे।लेकिन इसमें अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई।कही ना कही पुलिस की कार्रवाई से इन बातो नकारा भी नही जा सकता।

स्पेशल थाना टीम के दो आरक्षक ने किया डील

सूत्र बता रहे की इस मामले में थाने के दो आरक्षक इस मामले में आरोपियों से सांठगांठ करके मामले को रफा दफा करने भीड़ गए।वैसे भी लंबे समय से आरक्षक इस थाने में जमा हुआ है।जबकि इस आरक्षक का कई बार अन्यत्र थाने में तबादला भी हुआ लेकिन अपनी ऊंची पहुंच और थाने का मैनेजमेंट का अच्छा खासा अनुभव का लाभ इनको दिलाकर थाने में जमे रहना का अवसर प्रदान करता है।विगत चार से पांच वर्षो में इनकी तैनाती को ध्यान में लाया जायेगा तो इनकी तैनाती से सच सामने आ जायेगा।।जबकि इन चार पांच वर्षो में कई थानेदार बदल गए।लेकिन यह अदना सा आरक्षक आज भी थाने में जमे हुआ है।वही अपनी तैनाती में शामिल अन्य आरक्षक के साथ मिलकर पूरा लेनदेन करके मामले को रफा दफा करने भीड़ जाते है।
पुलिस की मनमानी पर कांग्रेस राज में बड़ा एक्शन नहीं होने की वजह से सत्ता बदलाव के बाद भी पुलिस प्रशासन के रवैए में कोई फर्क नजर नही आ रहा है । पुलिस कप्तान के पास भी तमाम शिकायत रखी हुईं है लेकिन जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई शिकायतों के पुख्ता सबूत होने के बाद भी कार्यवाही नही होने की वजह से बिलासपुर एसपी साहब भी संदेह के घेरे में नजर आ रहे है उम्मीद है की बीजेपी शासनशाल में अब अपराधियों पर अंकुश लगेगा और एक बार फिर शहर सहित प्रदेश में अमन और शांति का माहौल बना रहेगा ।

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