बदहाल और तंग गालियां में समस्याओं से भरी बस्ती….वार्ड की जनता दुखड़ा लेकर जनप्रतिनिधियों को कोसती….चुनावी मैदान में खड़े बड़े बड़े उम्मीदवारों की अलग ही हस्ती…क्या इस चुनाव के बाद इनकी पार लगेगी कश्ती…..?

बिलासपुर–निगम चुनाव मतदान की तारीख को अब कुछ ही दिन शेष रह गए है।इन बचे हुए दिनों में वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवार पूरी ताकत के साथ अपने अपने वार्डो में जन प्रचार को गति देने में जुट हुए।जहां पर यह उम्मीदवार मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने के साथ साथ वोट की अपील करते हुए नजर आ रहे है।लेकिन हर बार की तरह इस बार वार्ड के मतदाता जिसमें महिला मतदाता उम्मीदवारों के वायदों और उनके दिए गए आश्वाशन पर आश्वस्वत होते हुए नजर नहीं आ रही है।आपको बताते चले कि तिफरा के वार्ड नंबर पांच खूबचंद बघेल से भाजपा और कांग्रेस में सीधे मुकाबला होता हुआ नजर आ रहा है।इस वार्ड के मतदाताओं से सीधे हम जब रूबरू हुए तो इनके अंदर वार्ड की समस्या को लेकर एक अलग ही आक्रोश नजर आ रहा था।इस वार्ड की जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही थी।तंग और सकरी गलियों में घनी आबादी का बड़ा हिस्सा यहां पर निवास करता है।यानी चुनाव परिणाम में यह बस्ती का मतदाता निर्णायक स्थिति में है।जिस भी पक्ष के तरफ इस बस्ती का झुकाव हुआ वह उम्मीदवार चुनाव जीत जायेगा।लेकिन इस बार के चुनाव में इस बस्ती के लोग पिछले कांग्रेस पार्षद के कार्यकाल से काफी नाराज और आक्रोशित है।इनकी मूलभूत समस्या का भी निकारण करने वार्ड पार्षद नाकाम साबित हुए। यहां के मतदाताओं का कहना कि पिछले चुनाव के बाद एक बार भी वार्ड पार्षद यहां झांकने नहीं आया।वही पट्टा को लेकर जो वादे किए थे उनको भी नहीं कर पाए।पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है।पाइप लाइन बिछी हुई लेकिन पानी नहीं आता।वही शाम होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है।जुआ तो आम बात है।नाली बजबजा रही है।जिसकी सफाई तक नहीं होती बरसात में बहुत ही ज्यादा दिक्कत का समाना करना पड़ता है।

लेकिन प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय परिसीमन में आए इस वार्ड से कांग्रेस ने लंबी बढ़त के लगभग अठारह सौ वोटो के साथ जीत हासिल की थी।हार जीत के इस लंबे अंतराल को पाटने के लिए इस बार भाजपा ने सशक्त उम्मीदवार के रूप से इस बार राजेश त्रिवेदी को मैदान में उतारा है।वही कांग्रेस ने पिछली बार की विजई प्रत्याशी को फिर से एक बार मौका देते हुए अपना उम्मीदवार बनाया।चुनावी रण में इस बार भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है।जहां पर पिछले चुनाव के हार के गड्ढे को भरते हुए इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए पूरे दमखम के साथ लगना पड़ेगा।

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