सिरगिट्टी थाना के सादे वर्दीवाले पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ना और झूठे केस में फसाने की साज़िश रचने का आरोप….ट्रैफिक वाले गाड़ी पकड़े है कहकर ट्रक मालिक ने दोस्त को भेजा, पुलिसकर्मी उसे घण्टो थाना में बैठाए रखे….पीड़ित ब्यक्ति ने आईजी और एसपी से की शिकायत

बिलासपुर– त्याग, समर्पण और सेवा के भाव से कार्य करने और निर्दोष व्यक्तियों को बचाने वाली पुलिस की छावि को धूमिल करने की कवायद में बिलासपुर के कुछ पुलिसकर्मी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सिरगिट्टी थाना के पुलिसकर्मियों पर बेवजह प्रताड़ना और झूठे केस में फसाने की साजिश रचने का संगीन आरोप लगा है।

दरअसल तिफरा निवासी रामु साहू के मुताबिक, 16 फरवरी 2024 के दिन वे घरेलू काम से निकले हुए थे जिस दौरान उनके परिचित ट्रांसपोर्टर घनश्याम सिह ठाकुर का उनके पास फोन आया, जिसने रामू साहू को अपने ट्रक क्रमांक सीजी 04 एन एन 4832 को ट्रैफिक पुलिस के द्वारा पकड़ लिए जाने की जानकारी दी और रामु साहू को अपनी कार सीजी 28 पी 4832 देकर मसला जानने मौके पर भेज दिया। घनश्याम के कहने पर रामू साह बस्ती की तरफ गया तो उसे ट्रक दिखाई दी। ट्रक देखते ही रामु साहू के गाड़ी रोकने पर सिविल कपड़ा पहने मार्को, वीरेंद्र राजपूत, वीरेंद्र साहू और अन्य पुलिसकर्मी ने रामु साहू की कालर पड़कर गाली गलौच देते हुए अपनी कार में बैठ लिया और सिरगिट्टी थाना लेकर चले गए।

सिरगिट्टी थाना परिसर के एक पुराने बंद पड़े कमरे में पूछताछ शुरू की गई, जहाँ पुलिस ने रामु साहू पर बिहार निवासी किसी अंकुर सिह चौहान के चावल को घनश्याम सिह ठाकुर के साथ बेचने का आरोप लगाया। रामु साहू के मुताबिक वह पुलिसकर्मियों को बार-बार बताता रहा कि उसे घनश्याम सिह ठाकुर ने ट्राफिक वाले ट्रक पड़के है ऐसी जानकारी देकर मामला पता करने भेजा है, कहाँ का चावल किसे बेचा क्यो बेचा किसने बेचा इसकी उसे कोई जानकारी नही है। उसके बाद भी उसे 9 घण्टो से अधिक समय तक प्रताड़ित किया गया है।

दोस्त माखन साहू को थाने में बिठा लिया

पुलिस पर रामु साहू के साथ साथ उसके दोस्त माखन साहू को भी प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। माखन साहू ने इसकी शिकायत एसपी और आईजी से की है और भविष्य में इन पुलिसकर्मियों से खतरा होने की जानकारी दी है।

सुलगते सवाल

पुलिस के हाथ आखिर रामु साहू के खिलाफ ऐसा कौन सा सबूत लगा जिसके आधार पर उसे बिना नोटिस बिना वारंट दोपहर 12:30 बजे से लेकर रात 10 बजे तक पुलिस हिरासत में रखा गया और यदि कोई पुख्ता प्रमाण था तो बाद में उसे छोड़ क्यों दिया गया? ये किस तरह की दादागिरी है?

सिरगिट्टी पोस्टिंग के बाद आरक्षक ने खरीद ली नई कार

सिरगिट्टी थाने के जिन तीन कर्मचारियों के नाम से लिखित शिकायत की गई है उन्हीं में से एक आरक्षक ने सिरगिट्टी थाने में पोस्टिंग मिलने के कुछ ही महीनों के अंदर चमचमाती नई कार खरीद ली है।

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