थाना बना वसूली का अड्डा…..? ब्लैकमेलिंग का खेल जोरो पर….व्यापारी से 24 हजार की ऑनलाइन वसूली का आरोप, एनटीपीसी कर्मचारी ने प्रताड़ना से तंग आकर जहर पीया! एसएसपी बोले – दोनों मामलों की जांच जारी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई……

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र से लगातार दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले मामले में स्थानीय व्यापारी ने थाना प्रभारी और पुलिसकर्मी पर अवैध वसूली का सनसनीखेज आरोप लगाया है। वहीं, दूसरे मामले में एनटीपीसी सीपत के एचआर कर्मचारी ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास कर लिया।

व्यापारी से 24 हजार रुपए की वसूली का आरोप….

ग्राम सीपत निवासी अविनाश सिंह ठाकुर, जो नवाडीह चौक में किराना दुकान चलाते हैं, ने एसएसपी को शिकायत में बताया कि 5 अक्टूबर को वे अपने साथी रवि कश्यप के साथ किसी कार्य से थाने पहुंचे थे।

वहां थाना प्रभारी गोपाल सतपथी और एक आरक्षक ने धारा 185 की कार्रवाई की धमकी देकर 50 हजार रुपए की मांग की। कार्रवाई के डर से व्यापारी ने थाने के ही एक प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश्वर कश्यप के खाते में 24 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। उन्होंने बैंक ट्रांजैक्शन की रसीद भी एसएसपी को सौंपी है।
अविनाश का आरोप है कि पैसे देने के बाद भी उनकी बाइक को दोबारा जब्त कर लिया गया और झूठी कार्रवाई की गई।

पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर कर्मचारी ने पी लिया जहर

दूसरे मामले में, एनटीपीसी सीपत के एचआर विभाग में पदस्थ धीरेंद्र मंजारे (35 वर्ष) रविवार को शराब दुकान के पास से पुलिसकर्मियों द्वारा पकड़ लिए गए। आरोप है कि पुलिस ने उनकी स्कूटी जब्त कर 50 हजार रुपए की मांग की। राशि न दे पाने के चलते धीरेंद्र मानसिक रूप से टूट गए और घर लौटते वक्त जहर सेवन कर लिया। परिजनों ने उन्हें गंभीर हालत में अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है। धीरेंद्र की पत्नी रामेश्वरी मंजारे ने भी पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ना और अवैध मांग का आरोप लगाते हुए एसएसपी को लिखित शिकायत दी है।

एसएसपी रजनेश सिंह का बयान…..

सीपत निवासी व्यापारी अविनाश ठाकुर और एनटीपीसी कर्मचारी धीरेंद्र मंजारे — दोनों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, ऑनलाइन भुगतान और सबूतों की जांच की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर से जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

जनता में आक्रोश…..

दोनों मामलों के सामने आने के बाद क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है।
स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो सीपत थाने को “भ्रष्टाचार मुक्त थाना” घोषित करने के लिए नई व्यवस्था की मांग की जाएगी।

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