बिलासपुर के प्रथम महापौर और पूर्व स्वास्थ मंत्री की बेवा पत्नी ने लगाई गुहार….. पुराने मकान में पूर्व महापौर के पति और बेटा ने जड़ा ताला….
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। जिस परिवार के लोग इस भारत देश की आजादी में अंग्रेजों से लड़ने में अपनी एक अहम भूमिका को निभाते हुए स्वतंत्रता सेनानी और गवर्नर जैसे पद में आसीन होकर अपनी पहचान बनाते हुए, देश की राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में विशेष योगदान दिया जिसके चलते आज इस शहर में इनके नाम के कई भवन और महाविद्यालय संचालित हो रहे है।
आज उसी ई राघवेन्द्र राव के परिवार के लोग पैतृक संपति को लेकर न्यायलय में चल रहे विवाद के बाद एक पक्ष गलत तरीके से मकान में घुसकर अपना ताला लगाकर कब्जा करने का प्रयास किया।तो वही इस घटना की जानकारी के बाद दूसरा पक्ष थाने पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।आपको बताते चले की अविभाजित मध्य प्रदेश के समय बिलासपुर के प्रथम महापौर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की सरकार में पांच साल तक स्वास्थ मंत्री रहे स्व. अशोक राव का एक पैतृक मकान गोंडपारा में है।इस पुराने मकान में एक समय में स्व.अशोक राव अपने परिवार के साथ निवास कर एक लंबा समय बिताए। इस घर से इनकी कितनी यादें आज भी इस क्षेत्र के रहवासी महसूस करते है।राव साहब का एक दौर था जब वह इसी मोहल्ले के बच्चो के साथ बच्चा बनकर खेल खेलने लगते तो वही उनके घर के सामने खड़े रिक्शे को खुद चलाते हुए लोगो को आश्चर्यचकित कर देते।
स्व.अशोक राव इसी घर में रहकर बिलासपुर के प्रथम महापौर बने,और फिर बिल्हा विधानसभा से चुनाव जीतकर दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार में स्वास्थ मंत्री बने।राजनीति में एक सफल राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई और कद्दावर नेता स्व. विद्या चरण शुक्ल के बहुत ही करीबी व्यक्ति के नाम से भी इनको जाना था।एक दौर था जहा पर केंद्र और राज्य सरकार की सत्ता के साथ साथ कांग्रेस संगठन में एक मजबूत स्थिति इनकी रहा करती थी,और आज इसके विपरित इनके नही रहने से इनके ही परिवार में संपति विवाद इतना गहरा गया की बंटवारे को लेकर मामला न्यायलय और जबरन कब्जा कर ताला जड़ने जैसे विषय पर पूर्व मंत्री की बेवा पत्नी को न्याय के लिए थाना जाना पढ़ रहा है।
इस पुराने पैतृक मकान में स्व.श्री राव और उनका परिवार रहा करता था,और ऊपर के हिस्से में इनके भतीजे बाबा राव और उनका परिवार रहता था।लेकिन समय बीतता गया और एक समय के बाद इस मकान में राव परिवार का कोई भी सदस्य नही रहता।खाली पड़े इस मकान में बेवा श्रीमती राव अपने हिस्से के एक भाग में चौकीदारी के लिए एक यादव परिवार को रहने के लिए दे रखा।जो इस मकान में उनके हिस्से की देखरेख करते आ रहे है।मंगलवार को इस यादव परिवार ने इस बात की सूचना दी कि अंदर से कोई ताला लगा दिया है,और थोड़फोड़ की आवाज आ रही है।इसकी सूचना के बाद अपने पुराने मकान पर स्व. अशोक राव की पत्नी कस्तूरी राव पहुंची और उसके बाद ताला जड़ने और कब्जा करने की शिकायत करने थाना पहुंची।कोतवाली थाना प्रभारी कमला पुसाम ने इस मामले से अपना हाथ पीछे करते हुए पारिवारिक बता कर पीढ़ित पक्ष को थाने से चलता कर दिया।
बेवा महिला श्रीमती राव का आरोप
जिसके बाद श्रीमती राव ने मिडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि बाबा राव और उसका बेटा दोनो मंगलवार को मेरे कब्जे वाले जगह में ऊपर से आकर अपना नया ताला लगाकर जबरन कब्जा कर रहे है।जबकि मेरे हिस्से में मेरा पुराना ताला लगा हुआ है।यह लोग जबरन अपना नया ताला लगा रहे है।चौकीदार ने सूचना दी तो मैं यहां आकर देखी।इस घर के बटवारे को लेकर न्यायलय में आगमी 26 फरवरी को अंतिम सुनवाई होनी है।न्यायलय के फैसला आया भी नही और बाप बेटा दोनो कब्जा करने का प्रयास कर रहे है।
चौकीदार मनोज यादव ने बताया
इस पूरे मामले में सूचना देने वाले चौकीदार मनोज यादव ने भी यह भी मिडिया के सामने यह बात स्पष्ट की कुछ आवाज आई अंदर जाकर देखा तो बाबाराव और उसका बेटा ताला लगा रहे थे।मना करने पर चौकीदार को डरा धमका कर घर खाली कराने की धमकी दे रहे थे।
दबाव बना रहा था दूसरा पक्ष
इस पूरे मामले में दूसरा पक्ष भी नजर आया और मीडिया के ऊपर दबाव बनाने का प्रयास भी किया गया।बार बार मिडिया के काम में हस्तक्षेप करने की कोशिश की गई।वही जब पहले पक्ष की पीड़ित बेवा महिला ने कहा की मैंने इनको बुलाया तब यह शांत हुए और अपनी बात को न्यायलय में रखने की बात करते हुए मिडिया के सामने नहीं रखने की बात कही।