नशे के आगोश में शहर का युवा,बीच सड़क में नशे की हालत में उठापटक करते नशेड़ी,पुलिसिंग पर उठते सवाल -देखिए वीडियो

बिलासपुर जैसे-जैसे महानगर का रूप लेता जा रहा है वैसे वैसे यहां पर नशे का दायरा भी बड़े शहरों की तरह बढ़ता जा रहा है।

दारू गांजा के बाद अब ड्रग्स भी शहरी चलन में आ चुका है।इतना ही नहीं शहर के युवा आए दिन ड्रग्स की हालत में घूमते आसानी से नजर आ जाते हैं। बिलासपुर के सिविल लाइन थाने से चंद कदम की दूरी में स्थित सत्यम चौक में ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां नशे की आगोश में दो युवक एक दूसरे के साथ जमकर उठा पटक कर रहे थे इतना ही नहीं शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के बीच लड़ाई झगड़े की वजह से आने जाने वाले राहगीरों को भी हलाकान होते वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है। शहर में अपराध का ग्राफ भी इन्हीं की वजह से आसमान छूता जा रहा है बता दे कि वीडियो में दिखाई दे रहे युवक पहले एक दूसरे को बीच चौक में पटक रहे थे। थाने से चंद कदम की दूरी और यातायात थाने से लगे चौक में नशे में धुत युवकों की लड़ाई में ना तो पुलिस नजर आई और ना ही घंटो पुलिस को इस मामले की भनक तक लग पाई वह तो शुक्र हो आसपास के लोगों का जिन्होंने उठापटक कर रहे युवकों को पहले तो समझाया लेकिन जब यह नशे में धुत युवक एक दूसरे के जान के प्यासे बन गए तब उन्हें धक्का देकर भगाया गया इसके बाद भी दोनों युवक एक दूसरे को गंदी-गंदी गालियां देते रहे।ऐसे में सवाल उठता है कि जब पुलिस अधिकारी विजिबल पुलिसिंग की बात करते हैं तो दिनदहाड़े नशे की हालत में बीच चौक में उठापटक करते युवकों को आखिर किसी ने रोका क्यों नहीं.. बता दें कि.. चौक चौराहों में दिनभर यातायात पुलिस और थाने की पेट्रोलिंग गाड़ी घूमते रहती है लेकिन मुश्किल से 100 कदम की दूरी पर स्थित सिविल लाइन पुलिस को इस बात की भनक भी ना थी कि थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित चौक में दो लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे बनकर लड़ रहे हैं। स्मार्ट सिटी बनते बिलासपुर के पुलिस अधिकारी भले ही पुलिसिंग को स्मार्ट बनाने की लाख बात करते हो लेकिन धरातल पर यह बात शुन्य ही साबित होती है.. दूसरी ओर शहर के चौक चौराहों में खुलेआम चल रहे हैं नशे के व्यापार को भी लगाम लगाने में पुलिस नाकाम नजर आ रही है.. बिलासपुर के नए पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर में चार्ज लेते ही देर रात तक का निरीक्षण किया था और नशे और गुंडागर्दी पर लगाम लगाने के सख्त निर्देश थाना प्रभारियों को दिए थे लेकिन उनका यह निर्देश धरातल पर अमल होता दिखाई नहीं दे रहा है। इसी कारण है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व रात्रि तारबहार इलाके में रात्रि गश्त के बावजूद भी पुलिस के नाक के नीचे क्षेत्र में जमकर तोड़फोड़ हुई, इसके अलावा बीते दिन शहर के सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ इलाके वाला बाजार शनिचरी रपटा के पास व्यापारी से लूट की घटना को अंजाम दे दिया गया।जो अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।

अवैध शराब पर कार्रवाई, बाकियों की चांदी

भले ही पुलिस अवैध शराब पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करती नजर आ रही है लेकिन गली मोहल्लों में दिखते अवैध गांजा और अन्य मेडिकल नशे की सामग्रियों पर रोक लगाने में पूरी तरह फेल नजर आ रही है। उच्चाधिकारियों का चाहे कितना भी निर्देश हो जब तक धरातल पर पुलिस कड़ाई से नशे का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई नहीं करेगी तो वजन कितना भी अच्छा हो उसे अमलीजामा पहना पाना नामुमकिन यह नजर आएगा।

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