
हजारों मितानिनों का शक्ति प्रदर्शन, सड़कों पर गूंजे नारे…72 हज़ार मितानिनों के हक की लड़ाई….बिलासपुर में जाम से थमी रफ्तार…..
बिलासपुर– मितानिन संघ की महिलाओं ने मंगलवार को बिलासपुर की सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया। सुबह से ही शहर का माहौल नारों और जुलूसों से गूंज उठा। हजारों की संख्या में पहुंची मितानिन कार्यकर्ता नेहरू चौक से सिम्स चौक तक रैली निकालते हुए सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। इस दौरान जगह-जगह यातायात भी थम गया और पूरे इलाके में लंबा जाम लग गया।
मितानिनों ने अपने तीन प्रमुख मांगों को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में शामिल किया जाए, उनके वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए और एनजीओ व्यवस्था को तुरंत समाप्त किया जाए। मितानिनों का आरोप है कि वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनने के बावजूद उन्हें आज भी उचित दर्जा और सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
प्रदेशभर में सक्रिय मितानिन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अहम कड़ी साबित होती रही हैं। केवल बिलासपुर जिले में ही करीब 72 हज़ार मितानिन कार्यरत हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी बस्तियों तक मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण और जनजागरूकता जैसे कामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बावजूद इसके, उन्हें नियमित मानदेय और स्थायी व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रदर्शन के दौरान मितानिन महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा। रैली में शामिल महिलाओं ने कहा कि अब वे केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगी, उन्हें ठोस निर्णय चाहिए।
इस विशाल प्रदर्शन ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि मितानिन केवल स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि अपनी हक और अधिकारों के लिए लड़ने का साहस भी रखती हैं। अब देखना होगा कि सरकार उनकी मांगों पर कितनी जल्दी और किस तरह का निर्णय लेती है।