पर्यावरण बचाने के लिए पौधरोपण जरूरी,विश्व पर्यावरण दिवस में किया गया वृक्षारोपण कार्यक्रम

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कोटा विकासखंड के वनांचल ग्राम नागचुवा व डिंडोल में प्रेरक संस्थान के तत्वावधान में महिला समूहों के सहयोग से 50 फलदार व छायादार पौधे सामुदायिक स्थल पर रोपे गए । पौधे की नियमित देखभाल का संकल्प स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिया ।


कार्यकर्ताओं द्वारा पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा की दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे प्रदूषण को रोकने के उपायों में से वृक्षारोपण भी एक उपाय है। वृक्षारोपण होने से प्रकृति का सौंदर्य भी बढ़ता है और अनेक जीवों को लाभ पहुंचता है।वृक्ष सभी जीवों के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और मनुष्यों के लिए तो ये किसी वरदान से कम नहीं है। मनुष्य इनसे लकड़ी, फल, सब्जियां और अन्य तरह तरह की विभिन्न वस्तुएं प्राप्त करता है। इसी प्रकार जीव जंतुओं का जीवन पेड़ से निर्भर करता है। अतः प्रत्येक जीव का जीवन किसी ना किसी रूप से वृक्षों पर निर्भर है।


इसके अतिरिक्त वृक्ष हमें शुद्ध वायु एवं तपती गर्मी में छाया प्रदान करते हैं। मनुष्य वृक्षों की छांव में रहकर स्वयं को सूर्य की गर्मी से बचा लेता है।
इतना सब कुछ देने के पश्चात भी मनुष्य आज लगातार वृक्षों की कटाई करने में लगा हुआ है और इनके महत्व को अनदेखा कर रहा है। यही कारण है कि प्रदूषण एवं प्राकृतिक आपदाओं का सामना मनुष्य को करना पड़ रहा है। पृथ्वी का तापमान भी लगातार बढ़ता जा रहा है, जो समस्त संसार के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है और जिस पर ध्यान देना भी अति अनिवार्य है।
वृक्षारोपण करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म होना चाहिए। पर्यावरण दिवस पर संदेश दिया गया ।


उक्त कार्यक्रम में अन्नपूर्णा गन्धर्व, सुनीता बाई , चंद्रिका गंधर्व, जानकी मिश्रा , ललिता, किरण, उर्मिला मेश्राम, गंगोत्री ,चंपा ,रजनी, रामेश्वरी, लक्ष्मी ,नेहा आदि शामिल रहे।

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