पुलिस महानिरीक्षक बी एन मीणा के निर्देशन में बिलासपुर रेंज स्तरीय साक्ष्य संग्रह विषय पर आयोजित की गई कार्यशाला- रेंज के 120 विवेचक स्तर के पुलिस अधिकारी हुए हुए शामिल,राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोग शाला रायपुर से वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन का दिया प्रशिक्षण

बिलासपुर–पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ रायपुर के निर्देशानुसार अपराधों की विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाने एवं वैज्ञानिक तरीके द्वारा घटना स्थल से फिजिकल, बायोलॉजिकल, सेरोलॉजिकल, टेक्सोलॉजिकल ,बैलेस्टिक इत्यादि से संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित प्राथमिक पहचान/ लिफ्टिंग/पैकेजिंग कर परीक्षण हेतु भेजने संबंधी विषय पर राज्य के सभी रेंज में कार्यशाला आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस निर्देश के परिपालन में दिनांक 02.12.2022 को बिलासपुर रेंज स्तरीय Use of Evidence Collection Box & Investigation Box विषय पर कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन परिसर स्थित प्रार्थना सभा भवन में सम्पन्न हुआ ।जिसमें रेंज के जिलों से नामांकित 08 राजपत्रित अधिकारियों सहित 112 विवेचक स्तर के पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए।

राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोग शाला रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन का प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज, बी.एन.मीणा भापुसे द्वारा किया गया। तथा कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि विवेचना के दौरान वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन की कमी का लाभ अपराधी को प्राप्त होता है जिससे वो दोषमुक्त हो जाते हैं।

पुलिस मुख्यालय द्वारा अपराधों की विवेचना में वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य संकलन के दृष्टिगत रेंज/जिला एवं थाना स्तर पर Evidence Collection Box का वितरण किया गया है।जिसके महत्व को समझकर विवेचना की खामियां दूर करने, साक्ष्य संकलन व प्रस्तुतिकरण में इसका उपयोग किया जाना चाहिए। श्री मीणा ने कहा कि विवेचना अधिकारियों को जागरूक होना चाहिए, क्योंकि अब विवेचना में त्रुटि के लिए उनकी जिम्मेदारी निर्धारित कर उन्हें लापरवाही पूर्ण विवेचना के लिए सजा भी दी जा रही है।

अतएव विवेचना अधिकारी को स्वतः को अपग्रेड करे, साइंटिफिक टूल्स, कम्प्यूटर, मोबाईल का ज्ञान अर्जित कर इसका उपयोग अपने कार्यक्षेत्र में करें तथा अपराधी की सोच से आगे अपनी सोच रखकर अपना कार्य करें। पुलिस महानिरीक्षक ने विवेचना अधिकारियों से कहा कि विवेचना में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग किया जायेगा तो विवेचक की अपनी महत्ता बढ़ेगी, इसलिए वे यहां से सीखे गये ज्ञान को जिले के अन्य विवेचकों से साझा करें।
डॉ.टी.एल.चन्द्रा, संयुक्त संचालक प्रशासन एवं एस.ओ.सी., डॉ. मोहन पटेल, वैज्ञानिक अधिकारी, डा. संदीप वैष्णव, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा अपराधों की प्रकृति तथा घटना स्थल से साक्ष्यों को एकत्रित करने के लिए प्रदाय किये गये अलग-अलग Kit जिसमें Explosive Detection Kit, Narcotics Detection Kit, Impression Kit, Body Fluid Collection/Semen Detection Kit, Blood Investigation Kit, SAECK (Sexual Assault Evidence Collection Kit), Crime Scene Sketch/Drawing Set, Crime Scene Cordoning/Protection Set, Crime Scene/Evidence Search Light Set, Set of Evidence Packing के साथ ही रेंज के जिलों को महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में घटना स्थल पर उपलब्ध भौतिक साक्ष्यों को सुरक्षित/संकलित करने के लिए अनुभाग स्तर पर प्रदाय किये गये “Investigation Box” तथा बलात्कार/यौन उत्पीड़न संबंधित अपराधों की जांच हेतु अनुभाग स्तर पर उपलबध कराये गये “SAECK (Sexual Assault Evidence Collection Kit)” के वैज्ञानिक पद्धति से उपयोग का प्रशिक्षण/जानकारी दी गई। श्री चंद्रा द्वारा बताया गया कि वर्ष 2023 से छत्तीसगढ़ राज्य में नार्को टेस्ट, पालीग्राफी टेस्ट प्रारंभ होने जा रहा है जिसके लिए अब राज्य की पुलिस को अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता नही होगी साथ ही उनके द्वारा शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये किट के माध्यम से घटना स्थल में प्राप्त भौतिक साक्ष्य को पैकिंग करने के तरीके के संबंध मे जानकारी दी गई।संदीप वैष्णव द्वारा बताया गया कि उपलब्ध कराये गये किट के माध्यम से जॉचकर्ता अधिकारी तत्काल मौके पर ही मादक पदार्थो का परीक्षण कर सकते है।जिससे विवेचना कार्यवाही को गति मिलेगी। संचाली पाध्ये, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा डी.एन.ए. की जॉच हेतु किट के माध्यम से सैंपल की सुरक्षित पैकिंग की जानकारी दी गई।

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