कुलपति के बेटे ने हासिल किया तीसरा रैंक, बिना कोचिंग यूट्यूब चैनलों से की पढ़ाई

बिलासपुर–पीएससी 2022 के घोषित हुए नतीजों में बिलासपुर के रहने वाले श्रेयांश पटेरिया ने तीसरा स्थान हासिल किया है। श्रेयांश के पिता एलपी पटेरिया रायगढ़ में स्थापित शहिद नंद कुमार पटेल राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। श्रेयांश आईएएस बनना चाहते हैं,जिसके लिए वह मेहनत भी कर रहें हैं।

श्रेयांश दो भाइयों में छोटे हैं। उनका जन्म 20 अगस्त 1998 को हुआ था। उनके बड़े भाई सीवी रमन यूनिवर्सिटी में विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर है। उनके पिता एलपी पटेरिया रायगढ़ में स्थापित शहिद नंदकुमार पटेल राज्य विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हैं। श्रेयांश की माता गृहणी है। श्रेयांश में महर्षि विद्या मंदिर से अपनी स्कूलिंग की है। 10th में उनका cgpa 10/10 था। 12th में उनका विषय मैथ्स था और उन्होंने 89% के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। फिर श्रेयांश ने एआईईईई एग्जाम दिला गुरु घसीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच बीटेक करने के लिए प्रवेश लिया। श्रेयांश बताते हैं कि उन्हें कंप्यूटर या आईटी ब्रांच से ही इंजीनियरिंग करने में रुचि थी। उन्हें एनआईटी रायपुर भी एलॉट हो रहा था, पर पसंदीदा ब्रांच नहीं मिलने के चलते उन्होंने गुरु घसीदास यूनिवर्सिटी को चुना। 2019 में उन्होंने अपने बीटेक की डिग्री प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की। फिर टीसीएस विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों में इंटरव्यू दिला चयनित हुए। हालांकि सिविल सर्विस में रुचि होने के चलते उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं की।

इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के साथ ही श्रेयांश ने पीएससी और यूपीएससी की तैयारी घर पर ही रहकर शुरू कर दी। पीएससी के फर्स्ट अटेम्प्ट में वे सीरियस नहीं थे जिसके चलते उनका फर्स्ट अटेम्प्ट में प्री क्लियर नहीं हुआ। दूसरे अटेम्प्ट में वे मेंस तक पहुंचे पर इंटरव्यू के लिए चयनित नहीं हो पाए। इस बार उनका तीसरा अटेम्प्ट था जिसमें वे इंटरव्यू में पहुंच कर फाइनली सेलेक्ट हो गए। उनका मेंस में 865 व इंटरव्यू में 95 नंबर था।

श्रेयांश ने बताया कि इंजीनियरिंग कंप्लीट होने के बाद उन्होंने घर पर ही रहकर सेल्फ प्रिपरेशन की थी। वे यूपीएससी की भी तैयारी कर रहे हैं इसके लिए फिलासफी मेंन सब्जेक्ट रखा है। उन्होंने यूट्यूब चैनलों से तैयारी में काफी मदद ली। श्रेयांश बताते हैं कि यूट्यूब चैनल निशुल्क परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं और काफी अच्छा ज्ञान देते हैं। जिसका उन्होंने जमकर फायदा उठाया। उन्होंने केवल आंसर राइटिंग व मॉक इंटरव्यू देने के लिए ही कुछ कोचिंगो में टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी और मॉक इंटरव्यू दिलाया था। श्रेयांश बताते हैं की तैयारी के लिए वे कभी किसी कोचिंग नहीं गए और सेल्फ प्रिपरेशन से ही ऑनलाइन गाइडलाइंस ले घर से ही पढ़ाई की।

श्रेयांश रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। साथ ही वे रोज शाम फुटबॉल खेलने भी जाया करते थे। मेंस एग्जाम दिलाने के तत्काल बाद में यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली निकल गए। 16 अगस्त को पीएससी मेंस का रिजल्ट घोषित होते ही वह 17 अगस्त को फ्लाइट पकड़ वापस छत्तीसगढ़ आ गए और मॉक इंटरव्यू दिलाना शुरू कर दिया।

श्रेयांश का इंटरव्यू पीएससी के अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी के बोर्ड में था। वहां उनसे उनकी हॉबी दर्शन शास्त्र पढ़ना और ट्रेवलिंग करने से प्रश्न पूछे गए। उनसे नेशनल पार्क, वर्ल्ड हेरीटेज खजुराहो, जी 20, चंद्रयान मिशन, देश के पर्यटन स्थलों, स्वामी आत्मानंद की जीवनी के बारे में प्रश्न पूछे गए।

श्रेयांश बताते हैं कि उन्होंने एनसीईआरटी बहुत अच्छे से कवर की थी। यूट्यूब के अलावा भी टेलीग्राम चैनलों से भी पढ़ाई करते थे। इस साल उन्होंने यूपीएससी मेंस का पहला अटेम्प्ट दिया था। पर 28 मई को यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा थी तथा 15 जून को सीजी पीएससी मेंस की परीक्षा थी इसलिए वे यूपीएससी प्री में फोकस नहीं कर पाए और उनका एग्जाम क्लियर नहीं हुआ। श्रेयांश का कहना है कि वह छत्तीसगढ़ आकर डिप्टी कलेक्टर का पद ज्वाइन करेंगे और साथ ही साथ यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखेंगे।

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