हादसे के इंतजार में स्मार्ट सिटी के आधे अधूरे नाले , आयुक्त के निर्देशों का भी नही असर निगम कर्मियों को,बरसात भी लग गई लेकिन अब भी अधूरा,कब पूरा होगा?

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिल गया।लेकिन इस स्मार्ट सिटी को बरकरार रखने में निगम के आयुक्त की सारी मेहनत में उनके ही नीचे के आधिकारी और कर्मचारी पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।जी हा आपको बताते चले की बिलासपुर में बरसात के दिनों में शहर के कई ऐसे क्षेत्र है जहा पर बरसती पानी भरने की समस्या आम है।जिसके कारण बिलासपुर वासियों के सामान्य जन जीवन काफी प्रभावित होता है।शहर में बजबजाती नालियों और नाले में पानी की सही तरीके से निकासी नहीं होने के कारण इस शहर की एक विकराल और एक बड़ी समस्या के रूप में बरसात के दिनों में देखने को मिलती है।

निगम आयुक्त की पहल

इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के आयुक्त कुणाल दुदावत ने शहर का जायजा लेकर शहर के जलभराव वाले क्षेत्रों का सघन दौरा करके अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित कर बरसती पानी और शहर के उफनते नाले और नालियों से होने वाली दिक्कत को दूर को करने के लिए काफी पहले ही शहर की नालियों और नाले में काम चालू करवा कर इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एक अच्छी पहल की शुरुवात की लेकिन इस पहल के बाद बार बार निगम आयुक्त ने चल रहे कार्य स्थल का लगातार निरीक्षण कर काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए लेकिन कुछ ऐसे माहिर निगम कर्मी आज भी अपने पद में बैठ कर उनकी इस पहल और दिए गए निर्देशों पर दीमक की तरह उसे खोखला करने में लगे है।और काम को कछुआ की चाल में चला कर लोगो को परेशान कर उनके साथ खिलवाड़ कर रहे है।

आज भी पूरा नहीं हुआ काम
मगरपारा चौक से लेकर इंदु चौक के नाले निर्माण में निगम आज पर्यन्त तक उसको पूरा नहीं कर पाया है।मार्च महीने में काम चालू किया गया था। और अब जुलाई का महीना बीतने को है लेकिन आज भी काम अधूरा है।काम भी ऐसे स्थान का रुका हुआ है जहा पर रोजाना हजारों लोगो का आना जाना होता है।

नाले का काम पूरा नहीं होने के कारण इस मार्ग में हमेशा यातायात का दबाव बना रहता है।और ऐसे में जिस तरीके से चौक में सड़क के एक तरफ का नाला का एक बड़ा सा भाग खुला हुआ जिसको लेकर हमेशा एक हादसे का अंदेशा बना रहता है।नालियों से निकाला हुआ मलबा अब बरसात के पानी से कीचड़ में तब्दील हो गया है।जिससे कारण मोटरसाइकिल और छोटे दुपहिया वाहन चालक इस कीचड़ की वजह से गिरे है और कई गिरने से बचे है।लेकिन अभी तक कोई बड़ा हादसा नही हुआ।यदि समय रहते इसे पूरा नहीं किया गया तो किसी ना किसी दिन यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

स्थानीय लोगो में आक्रोश
निगम कर्मियों की अनदेखी और धीमी गति से चल रहे कार्य के कारण यह नाला वहा के लोगो के लिए अभिशाप बन गया।जिसको लेकर उनके मन में काफी आक्रोश है।नाले निर्माण में हो रही लेट लतीफी से यहां के रहवासियों को आने जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।तो नाला का निर्माण पूरा नहीं होने कारण बरसती पानी का निकासी भी नही हो रहा है और वह नाले में जमा हो जा रहा है जिससे कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ते जा रहा है।

पानी नहीं गिरने पर सड़क पर पड़ा मलबा गाड़ियों की आवाजाही से उड़ कर उनके घरों में जा रहा है।और पानी गिरने के कारण वही मलबा कीचड़ में तब्दील हो जाता जिसके कारण इस मार्ग में चलना दुभर हो गया।और तो और नाले के निर्माण के समय निकले मलबा भी निगम कर्मी हटाना मुनासिब नहीं समझ रहे है।

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