
वाह रे निगम तेरी ये कैसी कार्रवाई……अतिक्रमण के नाम पर उखाड़ फेंके लोहे की सीढ़ी को…..बुजुर्ग दम्पत्ति अपने ही घर पर बने बंधक……बुजुर्ग ब्राह्मण दंपति से अतिक्रमण कर्मचारियों ने की बदजुबानी…..भाजपा के सुशासन में ब्राह्मण परिवार पर गिरी गाज…..पढ़िए पूरी खबर….
बिलासपुर–हमेशा सुर्खियों में रहना वाला नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता इस फिर अपनी कार्रवाई को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है।एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर अतिक्रमण के नाम पर की गई कार्रवाई के बाद अतिक्रमण विभाग चर्चा का विषय बना हुआ है।इस कार्रवाई के बाद निगम के आला अधिकारी और अतिक्रमण दस्ता को आम जनमानस कोसते हुए नजर आ रहे है।अतिक्रमण दस्ते की बर्बरता कहर झेलने को मजबूर एक ब्राह्मण परिवार के बुजुर्ग पति पत्नी।आपको बताते चले कि नगर निगम बिलासपुर के अतिक्रमण विभाग की ऐसी शर्मनाक कार्रवाई की एक हार्ट पेशेंट बुजुर्ग दम्पत्ति अपने खुद के ही घर में बंधक बनकर रह गए। देखिए घर तो है पर आने जाने के लिए सीढ़ी ही गायब हो गई। निगम का कारनामा सुन आप भी चौक जाएंगे। बिलासपुर के निगम अमले ने एक बुजुर्ग दम्पत्ति को बिना नोटिस दिए और बिना सूचना के उनके घर की लोहे की सीढ़ी को ही उखाड़ दिए।
बुजुर्ग दम्पत्ति निगम की कार्रवाई के बाद से अपने घर के अंदर ही कैद है। दिनचर्या और जरूरत की चीजें उन तक नहीं पहुंच पा रही है। दरअसल तोरवा थाना क्षेत्र के निवासी 70 वर्षीय दीपक प्रकाश तिवारी अपनी पत्नी के साथ एक मंजिला मकान में रहते है। उनके घर आने जाने के लिए सिर्फ एक लोहे की सीढ़ी ही एकमात्र सहारा है। ऐसे में शुक्रवार को 11 बजे निगम का अमला अचानक ही मौके पर पहुंचा और बुजुर्ग दम्पत्ति को बिना नोटिस और सूचना के नाली की जद में आए लोहे की सीढ़ी को उखाड़ दिया। शुक्रवार से अबतक की बुजुर्ग दम्पत्ति अपने खुद के घर पर ही कैद हो गए है और उनका कोई सुध लेने वाला भी नहीं है।
वही शनिवार को मीडिया से बात करते हुए 70 वर्षीय दीपक प्रकाश तिवारी और उनकी पत्नी ने बताया कि शुक्रवार को ग्यारह से साढ़े ग्यारह के बीच निगम वाले यहां आकर सीढ़ी को थोड़ दिए।उनसे तोड़ने के बाद आने जाने की दिक्कत को लेकर जब कहा गया तो उनसे बदजुबानी की गई।वही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की भाजपा के सुशासन में हिंदुत्व वाली पार्टी में बगैर नोटिस के कार्रवाई समझ से परे है।जबकि यह घर पैतृक है।इसी घर में मेरा जन्म हुआ।सत्तर साल से इस घर में रह हु।निगम की इस कार्रवाई से काफी दिक्कत का समाना कर पड़ रहा है।हार्ट और हर्निया के साथ उनकी धर्मपत्नी को घुटने की समस्या है।कार्रवाई के बाद अब निगम प्रशासन कोई विकल्प की बात करते हुए इस समस्या का निराकरण करने की बात कह रही है।लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ और हम लोग यहां पर फंसे हुए दैनिक उपयोग के समान के साथ साथ दवाई भी खत्म हो गई उसको भी नहीं ला पा रहे है।
लंबे समय से निवासरत…..
दीपक प्रकाश तिवारी का यह पैतृक मकान है।उसी घर में उनका बचपन और लालन पालन के साथ वही बड़े हुए और आज अपनी पत्नी के साथ रह रहे है।दीपक प्रकाश की उम्र आज सत्तर वर्ष के लगभग हो गई।वह लगभग दस साल से अपने पैतृक मकान में ऊपर के हिस्से में दस साल से रह रहे है।ऊपर आने जाने के लिए वह लोहे की सीढ़ी का उपयोग करते हुए सामने से ही आते जाते है।
कार्रवाई के बाद बढ़ गई दिक्कत…….अपनी पीड़ा को दबाए रखे बुजुर्ग पति पत्नी…..
शुक्रवार को निगम के अतिक्रमण दस्ता ने बगैर सूचना और नोटिस के ही उस सीढ़ी को थोड़ दिए।जिसके बाद इनके ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा।हार्ट पेशेंट और हर्निया की बीमारी से जूझते हुए दीपक तिवारी अपने ही घर में बंद हो गए।पड़ोस वाले उनको मदद कर रहे है।लेकिन आने जाने में बाजू वाले के यहां से इस उम्र में कूदकर आना जाना पड़ रहा है।उम्र के इस पड़ाव में उनको कूदना फांदना पड़ रहा है।यही नहीं उनकी धर्मपत्नी उनको भी घुटनों में तकलीफ है।उनको भी कुछ समान लेने के लिए बाजू वाले के यहां से कूदकर जाना पड़ रहा है।कार्रवाई के बाद इस उम्र में अपनी बेबसी और लाचारी के साथ अपने साथ हुई बर्बर कार्रवाई को लेकर उनके मन में उपजी पीड़ा को अपने अंदर ही दबा के रखे हुए है।मीडिया से बात करते हुए भी कही पर भी यह अहसास नहीं होने दिया कि हम बेबस और लाचार है।आज भी संघर्ष को तैयार है किसी के मोहताज नहीं है।
निगम कर्मचारियों की हरकत और बदजुबानी…..
इस पूरे घटनाक्रम में कार्रवाई के बाद नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता ने अपनी बर्बरता और अमानवीयता का परिचय देने में कोई कसर तो बाकी नहीं छोड़ी।रही सही कसर को और निकालते हुए उन बुजुर्ग दंपति के साथ बदजुबानी और अव्यवहारिक बर्ताव भी किया गया।जिससे उनको काफी खराब लगा।यही नहीं शहर के वरिष्ठ जन जो उम्र के इस पड़ाव में के साथ साथ इस क्षेत्र के एक संभ्रांत परिवार के बुजुर्ग दंपति से इस तरह से अमानवीय व्यवहार किया गया।निगम के अधिकारी और कर्मचारीयों को एक मंजिल मकान में रह रहे बुजुर्ग पति पत्नी की बेबसी और उनके बुढ़ापे का भी ख्याल नहीं आया।