आधारशिला सैनिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मना युवा दिवस

बिलासपुर–आधारशिला विद्या मंदिर सैनिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद जयंती पर युवा दिवस समारोह का आयोजन किया गया।। जिसमें उनके सुविचार के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं। तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। …सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर बार एक सत्य ही होगा। इन सभी संदेशों को बच्चों तक पहुचाने पर विशेष जोर दिया गया।
कार्यक्रम में अतिथि बिलासपुर आकाशवाणी से सुश्री सुप्रिया भारती, आर. जे. सुश्री फिजा, शिक्षाविद रोविन पुष्प ,ख्वाब फाउंडेशन के संस्थापक ब्रैंडन डिसूजा व सक्रिय समाज सेवी अमल जैन, मंचासीन रहे।

प्रातः काल प्रारंभ में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। जिसमें स्वामी जी के जीवन से जुड़े शिक्षाप्रद प्रसंग को दर्शाया गया एवं उनके संदेश विद्यार्थियों तक पहुंचाए गए ताकि विद्यार्थी उनके जीवन एवं व्यक्तित्व के लक्षण प्राप्त करने की प्रेरणा ले सकें ।साथ ही मानवता एवं परोपकार जैसे गुणों को अपने जीवन में धारण कर सकें ।
विद्यालय में छात्रों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समाज में संस्कृतियों और सीमाओं के पार शांति, सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देने में युवाओं की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता रखी गई। तथा अतिथियों के द्वारा परिणाम घोषित किए गए जिसमें छात्रा हर्षिका पांडे प्रथम स्थान, पल्लवी कुलदीप द्वितीय स्थान तथा वैशाली साहू का तृतीय स्थान रहा। विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया।ब्रैंडन डिसूजा ने बच्चों से तरह-तरह के प्रश्न किया बच्चों ने उत्साह पूर्वक बढ़-चढ़कर प्रश्नों का जवाब दिया। सुश्री सुप्रिया भारती ने विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ से नाता तथा उनसे संबंधित अन्य जानकारियां दी । तथा बिलासपुर में युवा वर्ग के बच्चों को कुछ अच्छा कार्य करने तथा स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।बच्चों से कई प्रकार के प्रश्न भी पूछे गए। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका अनन्या दास के मार्गदर्शन पर छात्र चिन्मय पटेल एवं तानिया ने किया। अंततः शिक्षाविद रोविन पुष्प ने बच्चों को विवेकानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेने को प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के चेयर मैन डॉ अजय श्रीवास्तव, निर्देशक एस के जना स्वामी , प्राचार्या जी. आर. मधुलिका ने बच्चों को स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुड़ी शिक्षा प्रद बाते एवम उनके आदर्शों पर चलकर अच्छे एवं संस्कारिक बनने की प्रेरणा देते हुए प्रोत्साहित किया।

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