गेवरा,दीपका,कुसमुंडा एसईसीएल सीजीएम को युका नेता मधुसूदन दास एव एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष दीपक वर्मा ने दिया ज्ञापन.…. आउटसोर्सिंग कंपनी में 50% आरक्षण स्थानीय बेरोज़गारों,सिविल एव कोल उठाओ के कार्यों में भी 25% आरक्षण की माँग अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

बिलासपुर–युवा कांग्रेस कोरबा एव एनएसयूआई कोरबा के द्वारा युवा कांग्रेस नेता मधुसूदन दास एव एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष दीपक वर्मा के संयुक्त नेतृत्व में एसईसीएल के द्वारा स्थानियों बेरोज़गारों की उपेक्षा के विरोध में कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,SECL सीजीएम को पत्र सौपकर आउटसोर्सिंग कंपनी में आसपास के 25 किलोमीटर दायरे के स्थानीय बेरोज़गारों को नौकरी में 50आरक्षण निर्धारित करके खुली भर्ती से नौकरी दिया जाये साथ ही साथ सिविल ठेका कार्यों में एव डियो में 25% कार्यों को आरक्षित किया जाये ताकि स्थानीय युवाओं को नौकरी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर युवा कांग्रेस नेता मधुसूदन दास ने कहा की – कुसमुंडा,गेवरा,दीपका खदान के द्वारा प्रतिवर्ष सैकडो लोगो की भर्ती ली जाती है जो या तो बाहरी होते है या फिर भुविस्थापित इसके अलावा एक तबका और होता है वो है स्थानीय युवा बेरोज़गारों का जो केवल धूल खाने ट्रकों के नीचे दबकर मरने के लिए इस क्षेत्र में पैदा हुए है इनको भी तो हक़ मिलना चाहिए इसी तारतम्यता में आज हमारे द्वारा खदानों के आस पास के 25किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्थानीय युवा बेरोज़गार भाई लोगो के भर्ती के लिए खुली भर्ती आयोजित करते हुए 50% पद एव कोयला उठान एव सिविल कार्यों में 25% आरक्षण लागू करते हुए युवाओं को रोज़गार प्रदान किया जाये।

इस अवसर पर एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा ने कहा की – प्रतिवर्ष हज़ारो के संख्या में बच्चे पढ़ लिखकर नदी इस पार आते है और केवल और केवल उपेक्षा का शिकार होते है क्योकि खदान में इनको रिज्युम तक जमा करने का मौक़ा नहीं दिया जाता है आख़िर कब तक खदान ke आस पास के युवाओं को नौकरी के लिए भटकना पड़ेगा इसी कड़ी में हम एसईसीएल के CGM कुसमुंडा,गेवरा,दीपका को पत्र सौपकर युवाओ के लिए रोज़गार के अवसर स्थापित करने की माँग की गई है जल्द से जल्द हमारी माँगो को नहीं माना गया तो हमारे द्वारा उग्र आंदोलन किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रमुखरूप से एनएसयूआई आदिल ख़ान,मनजीत सिंह ठाकुर,बिट्टू राव,संदीप कुमार,आशीष मित्तल,लक्की,यशु दास और अनेक युवा कांग्रेस एनएसयूआई के साथी उपस्थित थे।

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