खाद्य निरीक्षक से इतनी यारी कि जवाब देने से भागने लगे अधिकारी, प्रभारी खाद्य नियंत्रक जवाब देने के नाम से कतराने लगे
बिलासपुर-बिलासपुर के प्रभारी खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा से मस्तूरी खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान की यारी इतनी गहरी है कि जब उनके खिलाफ हुई शिकायतों में जांच की जानकारी मांगी जाती है तो वह अपना टेबल छोड़कर ही भागते नजर आते हैं। मस्तूरी क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक की शिकायतें जगजाहिर हो चुकी है लेकिन अब तक खाद्य अधिकारी को उनके अंदर कोई भी गलती नजर नहीं आती है। शायद इसी का नतीजा है कि प्रदेश की सत्ता में काबिज सरकार और विपक्ष की पार्टी के लोग जब उनके खिलाफ शिकायत करते हैं तो प्रभारी खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा इसकी जांच कराना भी जरूरी नहीं समझते हैं।
या तो फिर जांच इस कछुआ चाल से हो रही है कि आधार में ही दम तोड़ देगी क्योंकि अब प्रभारी खाद्य नियंत्रक के रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आता जा रहा है।लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर प्रभारी खाद्य नियंत्रक को इतनी मनमर्जी करने की छूट किस ने दे रखा है, जबकि प्रदेश के खाद्य मंत्री ने खुद बिलासपुर कलेक्टर को मामले की जांच कर मस्तूरी खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता के लेटर पैड पर अग्रेषित किया था।
लेकिन जब भी खाद्य अधिकारी से मामले के बारे में जानकारी मांगी जाती है तो वह अपना टेबल छोड़ कर भागते नजर आते हैं।इन दिनों खाद्य विभाग में प्रभारी खाद्य नियंत्रक की मनमर्जी के किस्से कर्मचारी से लेकर आम जनता तक चर्चित है।नियमों को ताक में रखकर अवैध वसूली की शिकायत मस्तूरी खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान के खिलाफ की गई थी लेकिन मामले में जांच का क्या हुआ और जांच कहां तक पहुंची इस बारे में कोई भी अधिकारी ने जानकारी देने से बचता नजर आ रहा है.. बता दें कि पिछले दिनों से दीवान की शिकायतों को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि खाद्य विभाग पहुंचे थे लेकिन अब तक उस शिकायत के मामले में क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी तक प्रभारी खाद्य नियंत्रक देना जरूरी नहीं समझते हैं। अपने रिटायरमेंट के मोड पर खड़े प्रभारी खाद्य अधिकारी हर मामले में अपने अधीनस्थ सहायक खाद्य अधिकारी को सामने कर जवाबदेही से बचते नजर आते हैं। और खाद्य नियंत्रक का पद संभाल रहे सहायक खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा जिम्मेदारियों का निर्वहन करते नजर नहीं आ रहे।