वनांचल विकासखंड नगरी के 54 प्राथमिक शालाओं में नए शिक्षण सत्र में नौनिहालों की शिक्षा हेतु होगी बालबाड़ी प्रारंभ
नगरी /धमतरी – राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य के स्कूलों के परिसर में, जहां आंगनबाड़ी संचालित है, वहां अब बालवाड़ी प्रारंभ की जाएंगी। यह बालवाड़ी प्री-स्कूल की तरह संचालित होंगी, जहां 5 से 6 वर्ष के आयु समूह के बच्चों को शैक्षणिक एवं खेल के माध्यम से रोचक एवं मनोरंजक तरीके से शिक्षा मिलेगी।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी नगरी सतीश प्रकाश सिंह ने नवीन शिक्षण सत्र 2022-23 में नगरी विकासखंड में चयनित 54 प्राथमिक शालाओं में बालबाड़ी प्रारंभ किये जाने हेतु संबंधित संकुल शैक्षिक समन्वयक, चिन्हांकित शालाओं के शिक्षक, आंगनबाड़ी सुपरवाईजर, कार्यकर्ताओं की 13 जून को संयुक्त बैठक लेकर बालबाड़ी प्राम्भ करने हेतु समुचित दिशा-निर्देश दिए है। बैठक में बी.ई.ओ. सतीश प्रकाश सिंह ने अवगत कराया कि नगरी विकासखंड अंतर्गत चिन्हांकित 54 प्राथमिक शाला में नौनिहालों की शिक्षा हेतु बालबाड़ी प्रारंभ की जा रही है।जिसके लिए आवश्यक तैयारी पूरी कर बालबाड़ी में सीखने-सिखाने हेतु सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जावेगा।यह बालवाड़ी प्री-स्कूल की तरह संचालित होंगी, जहां 5 से 6 वर्ष के आयु समूह के बच्चों को शैक्षणिक एवं खेल के माध्यम से शिक्षा मिलेगी। बालवाड़ी का संचालन स्कूल परिसर में भोजन अवकाश के पूर्व दो घंटे संचालित किया जाएगा। इस योजना को संचालित किए जाने से शाला पूर्व ही बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को बेहतर करने के लिए आधार प्राप्त होगा, जो प्राथमिक स्तर में बच्चों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने में नींव का पत्थर साबित होगा। इसके अंतर्गत सभी छोटे आयु के बालक और बालिकाओं की देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। बालबाड़ी में बच्चो के सामान्य जांच हेतु प्रपत्र विकसित किया जायेगा, जिसमे बच्चों का वजन, ऊँचाई, सीना, स्वास्थ्य से संबंधित सामान्य लक्षण आदि का समावेश करते हुए कक्षा पहली पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता द्वारा इसका संधारण प्रत्येक बच्चों के लिए किया जायेगा।बी.ई.ओ. सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि विशेष आवश्यकता वाले (सी.डब्लू.एस.एन.) बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जायेगा तथा चिरायु योजना अंतर्गत बच्चों का नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच किया जायेगा।बालबाड़ी का संचालन वर्तमान शिक्षण सत्र में प्राथमिक शाला स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों में परिवेश एवं परिस्थिति अनुसार संयुक्त रूप से किया जायेगा।प्राथमिक शाला में कक्षा पहली एवं कक्षा दूसरी पढ़ाने वाले बालबाड़ी हेतु चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रतिदिन 2 घंटे तक बच्चों को गतिविधि कराने हेतु निर्देशित किये है।बच्चों का नाम आँगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत होगा तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही पोषण आहार प्रदान किया जावेगा।बैठक में महिला बाल विकास विभाग की सेक्टर सुपरवाईजर, संकुल शैक्षिक समन्वयक, चिन्हांकित प्राथमिक शालाओं के प्रधान पाठक, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे।