बिलासपुर खाद्य विभाग की अजब कहानी.. कोई ट्रांसफर से नाखुश तो कोई लम्बी छुट्टी के बावजूद जमे रहने में कामयाब..
बिलासपुर खाद्य विभाग आए दिन किसी न किसी विषय को लेकर सुर्खियों में जरूर रहता है.. विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही के किस्से भी जगजाहिर हैं.. कार्रवाईयों से लेकर रोजाना अपने काम कराने के लिए चप्पल धिसने वाले आम नागरिकों के कामों को टालने में विभाग के अधिकारी और कर्मचारी काफी माहिर हो चुके हैं.. कुछ दिनों पहले खाद्य मंत्री अमरजीत भगत अंबिकापुर से लौटते हुए अल्प समय के लिए बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन में रुके हुए थे.. जहां पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर उन्होंने विभाग के अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी खुलकर जाहिर की थी.. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के वापस लौटने के 2 दिन बाद ही खाद्य विभाग द्वारा खाद्य निरीक्षकों और सहायक खाद्य अधिकारी की ट्रांसफर सूची निकाली गई थी.. जिसमें शहर के निरीक्षकों को शहर से बाहर का रास्ता दिखाया गया था.. लेकिन वार्ड क्रमांक 51 से 70 तक का प्रभार संभाल रहे निरीक्षक का तबादला नहीं किया गया था.. बल्कि तबादले की लिस्ट में उनके कार्यक्षेत्र को जरूर घटा दिया गया है.. वही कोटा में पदस्थ निरीक्षक जो कि.. लंबे समय से छुट्टी में है उनके भी कार्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार का फेरबदल नहीं किया गया.. सहायक खाद्य अधिकारी के बूते कोटा ब्लॉक को छोड़ दिया गया है.. लेकिन सहायक खाद्य अधिकारी महीने में एक आद बार ही क्षेत्र का दौरा करते हैं.. इस वजह से ब्लॉक में क्या हो रहा है उनको इतनी भी खबर नहीं रहती.. ट्रांसफर लिस्ट जिस तरह से निकाली गई साफ जाहिर हो गया था कि.. सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए ट्रांसफर लिस्ट निकाली गई है.. जिले के खाद्य विभाग में पूरे जिले से आए दिन सैकड़ों लोगों का आना जाना रहता है.. बावजूद उसके दूर-दूर से आने वाले लोग अधिकतर भटकते ही नजर आते हैं.. लेकिन जिला खाद्य अधिकारी के नजर में सब चीजें सही रूप से चल रही है.. वार्ड क्रमांक 56 से 70 तक का जिम्मेदारी संभाल रहे निरीक्षक द्वारा फील्ड में कम और ऑफिसों में बैठे ज्यादा देखा जाता है.. ऐसे में माना जा सकता है कि.. मंत्री जी के फटकार के बाद ट्रांसफर तो कर कर दिया गया लेकिन यह ट्रांसफर भी कोरम पूरा करने के लिए ही किया गया होगा.. वही ट्रांसफर किए गए निरीक्षकों में नाखुशी साफ देखने को मिल रही है.. जॉइनिंग नहीं करने की कोशिशों से लेकर सेटिंग लगाने तक पूरे जुगाड़ इस दौर में चलते नजर आ रहे हैं.. कुल मिलाकर कहें तो बिलासपुर जिले का खाद्य विभाग और उसके अंदर चल रहे घमासान में वर्चस्व की लड़ाई साफ देखी जा सकती है.. ट्रांसफर के बाद अब शहर में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं लेकिन एक बात देखनी होगी कि.. विभाग में पूर्व की तरह सेटिंग्स का खेल चलेगा या फिर कार्रवाई और काम में तत्परता दिखाई जाएगी..