राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का प्रयास* *वृद्धजन या बुजुर्ग नहीं, वरिष्ठजन पुकारे जायेंगे : न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार राज्य के वृद्धजन या बुजुर्ग को उनके सम्मानजनक शब्द वरिष्ठजनों से सम्बोधित किया जावेगा। उक्त संबंध में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष महोदय के निर्देश पर राज्य शासन को तत्संबंध में पत्र प्रेषित किया जा चुका है।

साथ ही शासन स्तर पर ‘‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007’’ की धारा -7 में उपबंधित अनुसार भरण-पोषण का दावा अधिनियम के तहत गठित विशेष अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे, जिसके अध्यक्ष उप-खण्ड अधिकारी होते है, किन्तु वरिष्ठजनों को इसकी जानकारी नहीं होती है इसलिए उक्त अधिनियम से संबंधित जानकारीयुक्त बोर्ड/फ्लैक्स समस्त उप-खण्ड अधिकारी कार्यालय के परिसर में सहज दृश्य स्थल पर लगवाये जाने हेतु समस्त जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश प्रसारित करने का लेख किया गया है। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग से वरिष्ठजनों से संबधित कल्याणकारी योजनाओं के साथ साथ सभी प्रकार की कार्यवाहियों में वृद्धजन या बुजुर्गों के स्थान पर सम्मानजनक शब्द ‘वरिष्ठजन’ का प्रयोग करने तथा सभी जिला मुख्यालयों एवं तहसीलों मंे भी वृद्धाआश्रम खोलने हेतु विशेष प्रयास किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है ताकि ग्रामीण वरिष्ठ महिलाओं एवं पुरूषों को उनके निकटतम स्थान पर ही वृद्धाश्रम में रखा जा सके, साथ ही वर्तमान में संचालित वृद्धाश्रमों की रहवासी क्षमता को भी बढ़ाये के लिये भी कहा गया है।
इसके अलावा समस्त जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को उपरोक्त अधिनियम के संबंध में एसडीओ, डिप्टी कलेक्टर, पीएलव्ही, पेनल अधिवक्ताओं आदि को समाहित कर माह- अगस्त, 2023 के अंत तक कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये है तथा समय समय पर आयोजित होने वाले विधिक जागरूकता शिविरों एवं कार्यक्रमों इत्यादि में न्यायिक अधिकारी, पीएलव्ही, पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से उपरोक्त अधिनियम का व्यापक प्रचार प्रसार तथा वरिष्ठजनों से संबंधित सभी प्रकार की कार्यवाहियों, बोर्ड, फैलेक्स बैनर, पाम्पलेट, पुस्तक, पत्रिका इत्यादि में वृद्धजन या बुजुर्गों के स्थान पर सम्मानजनक शब्द ‘वरिष्ठजन’ का प्रयोग किये जाने का निर्देश दिया गया है।
अवगत हो कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक कान्फेडरेशन द्वारा महिलाओं की आयुवृद्धि, अदृश्य, सशक्त विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें महिला एवं पुरूष वरिष्ठजनों के विधिक अधिकारों एवं शासन से उनको प्राप्त होने वाली सुविधाओं एवं लाभ पर चर्चा एवं चिन्तन किया गया। उक्त कार्यशाला में सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल मुख्य वक्ता रहे हैं। कार्यशाला में प्रमुखता से उपरोक्त तथ्य सामने आये थे, जिससे सालसा के कार्यपालक अध्यक्ष महोदय को अवगत कराये जाने पर उनके द्वारा दिये गये निर्देशानुसार उपरोक्त कार्यवाही की गई है।

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