अवैध उत्खनन पर कलेक्टर ने ली बैठक उसके अगले ही दिन अवैध मुरूम उत्खनन के चलते बने गड्ढे में भरे पानी में डूब कर दो बच्चों की मौत
बिलासपुर– अवैध मुरूम खनन के चलते बने तालाब के गड्ढे में डूब कर दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई। घटना सोमवार देर शाम की है जिसका पता चला देर रात लगा। स्कूली बच्चों की मौत के बाद दोनों के परिवारों के साथ ही मोहल्ले में भी शोक मचा हुआ है। डूबने वाला एक बच्चा 12 तो दूसरा बच्चा 13 साल का था। एक माह के अंदर गड्ढों में डूबकर अब तक 5 बच्चों की मौत हो गई। शनिवार को सरकारी छुट्टी के दिन कलेक्टर अवैध उत्खनन रोकने टास्क फोर्स की बैठक लेकर कार्यवाही के निर्देश दे रहे थे उसके अगले ही दिन अवैध उत्खनन से बने गड्ढे में डूबकर बच्चो की मौत हो गई। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है।
राजकिशोर नगर के अटल आवास में रहने वाले रवि बाचेकर का 13 वर्षीय बेटा अभिषेक बाचेकर श्याम नगर स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र है। अभिषेक की मां बबीता बाचेकर आंगनवाड़ी सहायिका है वही पिता रवि बाचेकर जूता–चप्पल बनाने का काम करता है। कल शाम अभिषेक की मां बबीता बाचेकर किसी काम से आंगनबाड़ी गई थी। वही उसके पिता रवि जूता दुकान गए थे। अभिषेक अपने रिश्तेदार के घर श्याम नगर लिंगियाडीह गया था। यहां से वह 12 वर्षीय ईशान के साथ घूमने के लिए निकल गया। ईशान के पिता दिलीप अहिरवार की जूते की दुकान है। वही उसकी मां ज्योति अहिरवार गृहणी है। निशांत अमरैय्या चौक के विद्यानिकेतन स्कूल में आठवीं कक्षा पढ़ता है।
दोनो घूमते हुए बहतराई–बिजौर के बीच हाउसिंग बोर्ड कालोनी के सामने स्थित मुरूम खदान में पहुंचे। यहां मुरम के अवैध उत्खनन के चलते तालाबनुमा गड्ढा बन गया था। बारिश की वजह से उसमे पानी भर गया था। दोनों बच्चे उसमें नहाने उतरे पर गहराई ज्यादा होने के चलते डूब गए। आस–पास के लोगों ने पानी में बच्चों को डूबे देखा तो उन्होंने डायल 112 को इसकी सूचना दी। डायल 112 के कर्मियो ने मौके पर पहुंच कर बच्चों को गड्ढे से निकाला और उन्हें सिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के उपरांत दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर सरकंडा पुलिस भी मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शवों को मर्च्युरी में रखवा दिया। आज शवों का पोस्टमार्टम कर उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। हादसे के बाद बच्चे के माता पिता का रो रो कर बुरा हाल है।
ज्ञातव्य है कि अवैध उत्खनन के चलते एक माह के भीतर बिलासपुर में 5 बच्चों की डूबने से मौत हो गई है। 17 जुलाई को कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम सेंदरी में तीन बच्चियों की अरपा नदी में अवैध उत्खनन के चलते बने गड्ढे में डूब कर मौत हो गई थी। जिसके लिए बच्चियों के परिजनों ने कांग्रेसी नेता व बेलतरा से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे राजेंद्र उर्फ डब्बू साहू को अवैध रेत उत्खनन का दोषी ठहरा कार्रवाई की मांग की थी। पर अब तक इस मामले में जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है सिर्फ बच्चियों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा दे प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है।
शनिवार सरकारी छुट्टी के दिन कलेक्टर संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण रोकने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मंथन सभा कक्ष में ली थी। इसमें राजस्व के साथ ही खनिज व वन विभाग के अफसर भी मौजूद थे। अवैध उत्खनन व भंडारण रोकने के लिए कलेक्टर ने खनिज अधिकारियों को अवैध उत्खनन और परिवहन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मीटिंग में एसपी संतोष कुमार सिंह भी उपस्थित थे। जिन्होंने टीम के साथ पुलिसकर्मियों को कार्यवाही के लिए भेजने की बात कही थी। कलेक्टर की मीटिंग लेने के अगले ही दिन मुरम खदान के चलते बने गड्ढे में डूब कर दो बच्चों की मौत हो गई। वही 17 जुलाई को कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम सेंदरी में तीन बच्चियों की अरपा नदी में अवैध रेत उत्खनन के चलते हुए गड्ढे में डूबकर मौत हुई थी। इस मामले में खनिज विभाग ने पंचनामा भी बनाया था। जिसमें बच्चियों के परिजनों व ग्रामीणों ने अवैध खनन के लिए कांग्रेस के बेलतरा विधानसभा के प्रत्याशी रहे राजेंद्र साहू को जिम्मेदार ठहराया था। पर रसूखदार कांग्रेसी का नाम सामने आने के बाद उसके खिलाफ अपराध दर्ज करवाने की हिम्मत घटना के 1 माह होने पर भी जिला प्रशासन नही कर सका है।