अवैध चखना सेंटर संचालक की दबंगई के आगे नतमस्तक प्रशासन….. लाखों के रुपए लायसेंसी चखना सेंटर संचालक बेबस.….कार्रवाई को लेकर आबकारी विभाग मौन…..वायरल वीडियो प्रशासन की कार्यशैली को लेकर खड़ा कर रहा सवालिया निशान?
बिलासपुर–सोशल मीडिया प्लेटफार्म में एक वीडियो वायरल हो रहा हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद से शहर में प्रशासन की नाक के नीचे प्रदेश की साय सरकार के सुशासन का कैसे मखौल उड़ाया जा रहा है यह आप देख सकते है।वही इस वीडियो के सामने के बाद आबकारी विभाग झांकने तक की जहमत उठाने की कोशिश तक नहीं की। आपको बताते चले कि तारबाहर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीते कुछ माह पूर्व केवल आपरेटर राहुल चौहान की निर्मम हत्या करने का मामला सामने आया था।जिसके बाद इस हत्याकांड के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।इसके बाद भी आबकारी विभाग का संज्ञान नहीं लेना समझ से परे है।आबकारी विभाग की भूल बोला जाये या अतरिक्त कमाई का लालच लाइसेंस धारक होते हुए भी शराब दुकान से महज कुछ मीटर दूर पर ही अवैध चखना सेंटर का संचालन प्रशासन के वरद हस्त पर बेखौफ खुलेआम चल रहा है जिस पर न पुलिस की नजर पड़ रही न आबकारी विभाग की बीते कुछ दिनों से पुराना बस स्टैंड सुर्ख़ियों में है, हत्या, लूट व मारपीट जैसे आम बात हो गई है। वजह एक ही है शराब दुकान के पास ग़ैर क़ानूनी चखना सेंटर जो देर रात तक खुले हैं और बेख़ौफ़ अपने दुकानों में शराब परोस रहे हैं,और साथ ही लोग सड़क पर ही शराब का सेवन कर रहे हैं। ऐसा नहीं के शहर के मध्य ऐसी व्यवस्था से शासन प्रशासन अनिभिज्ञ है । ऐसे में दिनों दिन दुकानों की संख्या व बंद करने का समय बढ़ता जा रहा है,और इसका फ़ायदा उठा कर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा पुराना बस स्टैंड में बढ़ता ही जा रहा है। लगता है जैसे आबकारी और पुलिस प्रशासन कोई और बड़ी घटना का इंतज़ार कर रही हो।
गुर्गे देते है अवैध कार्यों को अंजाम
शराब दुकान के कुछ दूर पर ही अपराधी साथियो के साथ दुकान बेखौफ चला रहा है, चखना सेंटर चलाने वाले ने ज़ब उसका विरोध किया तब अवैध चखना सेंटर के संचालक और उसके गुर्गे मारपीट गाली गलौच पर उतारू हो जाते है।जिस डर से लायसेंसी चखना सेंटर संचालक भी चुप रहने मे अपनी भलाई समझते हुए शांत है।लायसेंसी चखना सेंटर संचालक के द्वारा आबकारी विभाग में तैनात अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराते हुए शिकायत भी की है।लेकिन इस मामले में आबकारी द्वारा कार्रवाई से बचते हुए नियम कायदे का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर लिए।
अवैध शराब
जिस स्थान पर अवैध दुकान संचालन किया जा रहा है।सूत्र बताते है की सरकारी शराब दुकान के खुलने से पहले और बंद होने के बाद अवैध रूप से शराब बेचने का काम भी बड़े जोरों से चल रहा है।