निगम की यातयात व्यवस्था के नाम मची लूट……ठेले वाले से निगम का अतिक्रमण दस्ता कर रहा अवैध वसूली…..शिकार हुए ठेले व्यवसायी का अतिक्रमण दस्ता पर आरोप….जानिए क्या पूरा मामला

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में इन दिनों नगर निगम प्रशासन और यातयात पुलिस की संयुक्त टीम शहर के मुख्य बाजारों में यातयात को लेकर गंभीरता के साथ सड़क में उतर कर व्यवस्थित करने के लिए काफी मशक्कत करने में जुटी है।लेकिन वहीं इस व्यवस्था के नाम पर निगम के अतिक्रमण दस्ता के ऊपर गंभीर आरोप के साथ समान गायब करने और पैसे की उगाही जैसी बात भी सामने आ रही है।

आपको बताते चले कि अभी पिछले नवंबर माह की 23 तारीख को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का नगर आगमन हुआ था।जहां पर शहर के कई स्थानों में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होना था जिसके लिए शहर के मुख्य मार्गो से इनका काफिला होकर गुजरना था। जिसके लिए निगम के अतिक्रमण दस्ता से कमर कसते हुए मुख्यमंत्री के आगमन के एक दो दिन पूर्व से ही सड़को में लगने वाले ठेले और दुकानों को हटाने के लिए शहर के मुख्य बाजारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए कार्रवाई कर कई ठेले और दुकानदारों के समान जप्त किए।जिसके बाद निगम के अतिक्रमण दस्ता ने जप्त किए समान को बगैर रसीद काटे हुए एक ठेले से साढ़े बत्तीस सौ रूपये मांग करते हुए कुल चार ठेले वालों से चौदह हजार के लगभग मोटी रकम वसूल कर ली गई।जिसके बाद इन ठेले वालों को जुर्माना के तौर पर वसूल की गई रकम की रसीद भी नहीं दी गई।यही नहीं जप्त किए गए ठेले से उनके ड्रायफ्रूट समान को गायब कर दिया गया।यह भी आरोप निगम के अतिक्रमण दस्ता के ऊपर लग रहा है।

दरअसल इस मामले का खुलासा और आरोप तब लगा जब बुधवार को निगम का अतिक्रमण दस्ता फिर से कार्रवाई के लिए बाजार में निकलकर ड्रायफ्रूट वालों पर अतिक्रमण दस्ता ने अपनी गाज गिराते हुए इनके ठेले को जप्त कर लिया।जप्त की कार्रवाई के बाद ठेले वालों ने खुलकर मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि आए दिन निगम के अतिक्रमण दस्ता सड़को में ठेले लगाने के नाम पर मोटी रकम लेकर जाते है।20 और 21 नवंबर को हमारे ठेले को निगम के अतिक्रमण दस्ता ने जप्त कर लिया।जप्त करने के चार पांच दिन के बाद हमसे पैसे लेकर जप्त ठेले छोड़ दिए।लेकिन जब हम अपना ड्रायफ्रूट का ठेले लेने गए तो उसमें से आधा समान गायब हो गया था।जिसके एक हफ्तेके बाद फिर निगम के लोग आकर ठेले लगाने के नाम पर पैसे लेकर गए,और ठेले को लगने दिए।

कौन है लाल बाल वाला निगम कर्मी ?

इस मामले में एक बात खुलकर सामने आई कि एक लाल बाल वाला निगम कर्मी जो जप्त किए ठेले को छोड़ने के नाम पर हजारों रुपए वसूल कर लिया और रसीद मांगने पर गंदी गंदी गाली गलौच करते हुए दुर्व्यवहार किया।इस तरह खुले आम यातयात व्यवस्था के नाम पर उगाही के साथ साथ अमानवीय व्यवहार से ठेले व्यवसायी काफी छुब्द हुए।लगातार उनको ही निशाना बनाकर उनसे इस तरह रकम की उगाही करना।यह निगम की कार्यशैली पर एक सवालिया निशान खड़ा कर रही है।एक तरफ जहां प्रदेश की भाजपा सरकार सुशासन की सरकार होने का हवाला देती तो वहीं शहर के निगम प्रशासन के अतिक्रमण दस्ता में बैठे अधिकारी कर्मचारी किस तरह अपने स्वार्थ को पूरा करने के साथ अपनी जेब गरम करने के लिए सुशासन को दीमक की तरह खोखला कर आम जन मानस में अपना भय और आतंक के साथ लूट खसौट,रकम उगाही और समान को चोरी कर खुलेआम आज भी अपना रौब दिखा रहे है।

इस मामले को लेकर प्रशिक्षु आईएएस निगम आयुक्त अमित कुमार ने कहा जप्त समानों को छोड़ने के लिए निगम के द्वारा रसीद काटी जाती है।यदि ऐसा नहीं हुआ है तो इस मामले की जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई की जायेगी।जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

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