मानवता को शर्मशार करने वाली घटना.….निर्वस्त्र और घायल अवस्था में खून से लथपथ मिली बुजुर्ग महिला……सिपाही से बने थाना प्रभारी की कार्रवाई में दागदार हो रही ख़ाखी….महिला संबंधी गंभीर मामले में यह कैसी अनदेखी….कौन तय करेगा इनकी जवाबदेही?

बिलासपुर –छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है।जहां पर एक बुजुर्ग महिला के साथ अमानवीय तौर से घटित घटना में आरोपों से घिरती सरकंडा पुलिस और थानेदार।आपको बताते चले कि मंगलवार की सुबह एक बुजुर्ग महिला की उसी के घर के सामने निर्वस्त्र अवस्था में खून से लथपथ गंभीर रूप से घायल मिली।इस घटना के सामने आने के बाद महिला संबंधी मामले में पुलिस कार्रवाई पर सवालिया निशान लगने लगे।बताया जा रहा की उक्त बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की आशंका को पुलिस नजर अंदाज करने का पूरा प्रयास किया गया। पूरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।जहां एक बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले की आशंका के साथ सामने आने से इलाके मे हड़कंप मच गया।वही सरकंडा पुलिस ने इतने गंभीर अपराध मे घोर लापरवाही बरतते हुए जानलेवा हमले की धारा के तहत मामला दर्ज कर पूरे मामले को दबाने की कोशिश करने में लगी हुई।वही बुजुर्ग महिला के परिजनों का आरोप है कि गंभीर मामले मे आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अलग अलग पैंतरे के साथ खेल खेलने में आमादा है।परिजनों और आसपास के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला जो पेंशन के दम पर सरकंडा क्षेत्र मे अकेले रहती थी उस पर कुछ लोगो ने जानलेवा हमला कर पत्थर से उसके सिर और छाती पर गंभीर वार कर उसकी हत्त्या करने की कोशिश की।
मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे जब क्षेत्र मे रहने वाले लोगो ने खून से लथपथ महिला को घर के बाहर निर्वस्त्र अवस्था मे देखा तो इसकी सूचना उनके परिजनों और पुलिस को दी।आसपास के लोगो ने दावा किया है की बुजुर्ग महिला के शरीर पर किसी प्रकार का कोई कपड़ा नही था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची डायल 112 की गाड़ी घटनास्थल मे होने के बाद भी गंभीर हालात मे आटो के माध्यम से बुजुर्ग महिला को सिम्स अस्पताल मे करीब सुबह साढ़े 9 बजे भर्ती करवाया गया। जिसके बाद महिला की हालत गंभीर होने पर रायपुर एम्स रिफर कर दिया गया।जहाँ उनकी हालत नाजुक बनी हुई है ।

मानवता हुई शर्मसार…पुलिस की दिखी घोर लापरवाही…
एक बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक अनाचार की घटना मे सरकंडा पुलिस की घोर लापरवाही देखने को मिली है।संवेदनशील मामले में पुलिस असंवेदनशील नजर आ रही है।घटनास्थल पर नग्न अवस्था मे घायल महिला के मिलने की पुख्ता जानकारी होने के बाद भी थाना प्रभारी ने इस मामले मे धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया जिसके कारण महिला सम्बन्धि मामले में लगे गंभीर आरोप पर पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे मे..?

पुलिस ने भेजा मेमो अस्पताल से बाहर आया राज –

बुजुर्ग घायल महिला को इलाज के लिए मंगलवार की सुबह सिम्स अस्पताल भेजा गया था और मंगलवार को ही रात 9 बजे रायपुर रिफर कर दिया गया था।बुधवार की सुबह जब मीडिया को मानवता को शर्मसार करने वाली दरिदंगी और हैवानियत वाली घटना की जानकारी लगी तो तो इसकी जानकारी लेने पर थाना प्रभारी निलेश पांडे ने सामूहिक दुष्कर्म के परिजनों के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सिर्फ महिला पर जानलेवा हमले की पुख़्ता पुष्टि की,जबकि कही ना कही सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस से बड़ी चूक का अहसास होने पर पत्राचार करके अब रायपुर एम्स हॉस्पिटल से मुलाहिजा रिपोर्ट पर आगे कहने की बात कह रहे है।

वही जब मीडिया की टीम ने पूरे मामले मे सिम्स अस्पताल जा कर प्रबन्धन से मिली जानकारी मे चौकाने वाला राज सामने आया।सिम्स प्रबन्धन से मिली जानकारी के अनुसार महिला को मंगलवार की रात ही उसकी हालत को देखते हुए रायपुर के एम्स रिफर कर दिया गया है। मीडिया संस्थानों को बुजुर्ग महिला से सामूहिक अनाचार की घटना मे दिलचस्पी को देखते हुए थाना प्रभारी निलेश पांडे ने पुलिस की लापरवाही को दबाने के लिए आनन फानन मे करीब 2 बजे के आसपास अस्पताल मे मेंमो भेज आशंका जताई की महिला के साथ कुछ गलत काम किया गया है।सिम्स अस्पताल मे भर्ती करवाये जाने के करीब 28 घंटे के बाद थाने से आये कागज से सिम्स प्रबन्धन भी असमंजस मे आ गया क्योकि तब तक महिला को रायपुर भेजा जा चुका था। डाक्टर ने भी माना है की पुलिस ने इस मामले मे गंभीर लापरवाही बरती है और यदि परिजनों ने पुलिस से किसी घटना का संदेह जारी किया था तो तत्काल पुलिस को इसपर एक्शन लेना चाहिए साथ ही डाक्टरो ने बातचीत मे जानकारी भी दी की समय बीत जाने के बाद मेडिकली सबूत भी नष्ट हो जाते है और मेडिकली अदालत मे दुष्कर्म साबित करना मुश्किल होता है,। शायद यही कारण होगा की पुलिस ने मामले को दबाने और आरोपियों को बचाने के लिए महिला सबन्धित अपराध होने के बाद भी मेडिकल परीक्षण नही करवाया होगा..?

घटना के 30 घंटे के बाद अकेले पहुँचे जांच अधिकारी.. परिजनों से करवाया सेम्पल इकट्ठा..

वही तमाम जानकारी होने के बाद भी सरकंडा प्रभारी निलेश पांडे ने वी आई पी ड्यूटी का हवाला देखकर एक सब इंस्पेक्टर को अकेले ही इतने संवेदनशील मामले का जांच करने घटनास्थल पर भेज दिया ना तो जांच करने पहुंचे सब इंस्पेक्टर के साथ ना तो फॉरेंसिक टीम थी और ना ही कोई महिला आरक्षक या विवेचक।

इतना ही नही मामले मे मौके पर मौजूद खून, मिट्टी और सबूतो को भी परिजनों के हाथो उठवाया गया।
अपने आप को बचाने के लिए सरकंडा प्रभारी के निर्देश मे अलग अलग हथकंडे अपनाये गए लेकिन मीडिया की तहकीकात मे पुलिस की घोर लापरवाही सामने आ ही गई। परिजनों का भी आरोप है की पुलिस ने सामूहिक अनाचार की आशंका को नजरअंदाज करते हुए आरोपियों को बचाने का खेल खेलने की कोशिश की है। एक बुजुर्ग महिला के साथ हुई इस हैवानियत के बाद पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए परिजन अब इस मामले मे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के मुड़ मे नजर आ रहे है।

इस मामले को लेकर थाना प्रभारी निलेश पांडे ने बताया कि जल्द ही इसका खुलासा होगा।घटना के संबंध में हत्या के प्रयास पर जोर देते रहे।वही सामूहिक अनाचार को लेकर आ रही आशंका पर हायर अथॉरिटी के साथ पत्राचार करने डाक्टरी मुलाहिजा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।घटना के समय बुजुर्ग महिला निर्वस्त्र मिली। सिर के बाएं तरफ चोट थी।जिसे उपचार के लिए सिम्स ले जाया गया।

बहरहाल इस पूरे मामले में अब देखना होगा सरकंडा पुलिस पर लगे गंभीर आरोपो को उच्च अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते है और ऐसे अति संवेदनशील मामले मे गंभीर लापरवाही बरतने और आरोपियों को बचाने का प्रयास करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है।

उच्च अधिकारियों के फरमान को भी किया जा रहा नजर अंदाज

अभी हाल में रेंज के आईजी संजीव शुक्ला ने पुलिस कार्रवाई को लेकर साल बार लेखा जोखा प्रस्तुत कर मीडिया के सामने महिला संबंधी मामले में कोई भी कोताही नहीं बरती जाने की बात कही थी।लेकिन आईजी साहब की बातों का सरकंडा थाना क्षेत्र में कोई असर होते देखने को नहीं मिल रहा है।बुजुर्ग महिला के साथ घटित घटना सामने आने के बाद आशंकाओं का सिलसिला और थाना की कार्रवाई वहां की पुलिसिंग को उजागर करती है।इस घटना के कुछ दिन पहले ही देर रात टिफिन का काम करने वाली तलाकशुदा महिला के साथ भी कितनी बर्बरता के साथ चाकूबाजी की घटना सामने आई थी।जहां अबतक।आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है।इस घटना के पूर्व महिला थाना पहुंचकर चाकूबाजी करने वाले आरोपी सनत के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंची।लेकिन सरकंडा पुलिस ने कार्रवाई में कोई गंभीरता नहीं दिखाई और महिला के ऊपर जानलेवा हमला हुआ।यदि समय रहते महिला संबंधी मामले में पुलिस तत्काल संज्ञान में लेकर कार्रवाई करती तो ऐसी घटना से महिला को बचाया जा सकता था।

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