निर्वस्त्र और खून से लथपथ अवस्था में मिली बुजुर्ग महिला मामले में प्राणघातक धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर.….पूरे मामले की दशा दिशा को बदल डाली सरकंडा पुलिस…..आरक्षक से थानेदार बने थाना प्रभारी की भूमिका पर सवाल.….? जीवन और मृत्यु से जूझ रही बुजुर्ग महिला इलाज के लिए बेबस…..
:बिलासपुर की सरकंडा पुलिस कल तक जो पुलिस निष्पक्ष जांच के साथ बुजुर्ग महिला मामले में डॉक्टरी रिपोर्ट का हवाला देकर दुष्कर्म की आशंका के साथ आगे की कार्रवाई को लेकर जो बात कही,वह बात सिर्फ बात बनकर ही रह गई ।65 वर्षीय बुजुर्ग महिला से जुड़े गंभीर मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली शुरू से ही लचर दिख रही थी।जहां इनकी कार्रवाई को लेकर कई सवालिया निशान खड़े हो गए थे।आपको बताते चले कि सरकंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत घर के बाहर पेंशनधारी बुजुर्ग महिला की उनके घर के बाहर निर्वस्त्र और सिर में गंभीर चोट से खून से लथपथ बेहोश अवस्था में मिली।इस घटना की सूचना सरकंडा पुलिस को दी गई।जहां पर सरकंडा पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ अपनी औपचारिकता को पूरी कर पूरे मामले में गंभीर लापरवाही बरती।जिसके कारण पूरे मामले की दशा और दिशा ही बदल गई।अब इस मामले में पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसे प्राणघातक हमला बता कर आरोपी को पकड़कर हिरासत में ले लिया है।जहां कार्रवाई कर उसे जेल भेजने की बात कही जा रही। जबकी हकीकत कुछ और ही है।
दरअसल कल तक जो पुलिस दैहिक दुष्कर्म की आशंका पर डॉक्टरी मुलाहिजा और पत्राचार का हवाला देकर आगे की जांच पड़ताल कर बुजुर्ग महिला के साथ हुए इस जघन्य अपराध से पर्दा उठाने का दावा कर रही थी।वह अचानक दूसरे एंगल में अपनी कार्रवाई को दिखा कर पूरे मामले को कही ओर ले गई।इस मामले में पुलिस की लापरवाही को नजर अंदाज नहीं किया सकता।कही ना कही इस अमानवीय घटना के सामने से पूरे क्षेत्र में जहां हड़कंप मचा हुआ था।वही इस घटना के बाद लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त होता इसके पहले ही इस पर पुलिस ने अपने तरफ से लीपा पोती कर मामले को दबा दिया।
अब इस पूरे मामले में सरकंडा पुलिस लीपापोती करते हुए नजर आ रही है।एक ओर जहां थाना प्रभारी का बयान कुछ आता है तो वही इस क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुछ और ही बयान देते है।दोनो जिम्मेदार पद में आसीन है।उसके बाद इनका इस तरह से गैर जिम्मेदाराना बयान वह भी ऐसे अति संवेदनशील मामले जो इस समाज के लिए चिंतनीय विषय है।
उपचार के लिए बेबस
मंगलवार की सुबह खून से लथपथ और निर्वस्त्र अवस्था में बुजुर्ग महिला बेहोशी की हालत में मिलने के बाद आनन फानन में उपचार हेतु सिम्स ले जाया गया।जहां से हालत में कोई सुधार नहीं होने पर गंभीर रूप से घायल महिला को अचेतन अवस्था में देर रात मंगलवार को ही रायपुर एम्स ले जाया गया।जहां पर उपचार के भर्ती कराया गया।वही भर्ती के बाद दुष्कर्म की आशंका को लेकर गुरुवार को देर शाम को बिलासपुर की सरकंडा पुलिस रायपुर एम्स पहुंची।जहां पर अचानक एम्स से डीकेएस अस्पताल रायपुर में रिफर कर दिया गया।परिजन कुछ समझ पाते की एंबुलेंस में अचेतन घायल बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस में डीकेएस अस्पताल पहुंचा दिया गया। वहां पर कोई व्यवस्था नहीं होने पर परिजन विरोध करते हुए वापस एम्स चले गए बुजुग महिला को लेकर और काफी देर तक एम्स के आपातकालीन कक्ष के बाहर बेड के इंतजार उस घायल अचेतन बुजुर्ग महिला को लेकर खड़े रहे।जबकि उनके परिजनों का कहना था कि वेंटीलेटर में इनको रखा गया था।इस तरह से हमारे साथ उपचार के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।
इस पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदयन बेहार का कहना कि बगैर मेडिकल पुष्टि के ही प्रेस विज्ञप्ति जारी की वही सही है।बगैर रिपोर्ट के ही पुलिस ने जारी किया है वह सही है।मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।हमारे थाना प्रभारी डीकेएस अस्पताल के डाक्टरों से मौखिक बात किए है।जिसमें ऐसा कोई उल्लेख नहीं आया है।लिखित रिपोर्ट आने के बाद देखा जायेगा।
बताया जा रहा है सरकारी योजना के सहारे आरक्षक से थानेदार बने थाना प्रभारी निलेश पांडे ने पूरे मामले मे उच्च अधिकारियों को अंधेरे मे रख कर गुमराह किया है और घटना से जुड़े अहम कानूनी सुराग की जांच ना कर आरोपियों को बचाने का हर सफल प्रयास किया है। जबकि लगातार देश की सर्वोच्च अदालत ने महिला सम्बन्धित मामलों मे कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किये है। सरकार और बिलासपुर रेंज के उच्च पुलिस अधिकारियों ने भी समय समय पर पत्रकार चर्चा मे ऐसे मामले मे गंभीरता से काम करने की बात कहते नजर आ रहे। वही इसके उलट सरकंडा पुलिस ने नग्न अवस्था मे खून से लथपथ बुजुर्ग महिला के बारे मे घोर लापरवाही बरती है उसके बाद भी अब तक इस मामले मे महिला सम्बन्धित इस मामले मे ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नही होने से बिलासपुर खाकी संदेह के घेरे मे घिरी नजर आ रही है।