हर पांच मिनट में अंधकार: क्या बिजली विभाग कर रहा है आंख मूंदकर काम……जनता की उड़ी नींद

बिलासपुर–चिलचिलाती गर्मी और दो तीन दिन से अचानक मौसम मे बदलाव की स्थिति शाम होते ही आंधी पानी ने बिजली विभाग की पोल खोल कर रख दी। शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार हो रही बिजली कटौती ने आम नागरिकों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर के हर इलाके में बिजली कटौती से लोग हलाकांन हो गए।बात करे तो सरकंडा, गोंडपारा, राजकिशोर नगर, मोपका, खमतराई, चिंगराजपारा और बहतराई जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हर पांच मिनट में बिजली गुल होने की शिकायतें सामने आई।स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जिससे नागरिकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

बिजली की इस आंख-मिचौली का सीधा असर आम जीवन पर असर पड़ता हुआ दिखाई दिया। घरों में पंखे और कूलर बंद होने से गर्मी से लोग बेहाल हैं। खासकर बुजुर्ग, छोटे बच्चे और बीमार लोग इस गर्मी में परेशान हो रहे हैं। छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है, वहीं छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि बिजली कब आएगी और कब जाएगी, इसका कोई निश्चित समय नहीं है। नतीजतन, मोबाइल चार्ज तक नहीं हो पा रहे और रोजमर्रा के काम अटक रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बिजली विभाग न तो पहले से कोई सूचना देता है और न ही शिकायत करने पर कोई ठोस जवाब मिलता है। उपभोक्ता हेल्पलाइन पर फोन करने पर या तो कॉल नहीं लगती या कर्मचारियों की ओर से टालमटोल वाला जवाब मिलता है। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

सवाल यह भी उठ रहा है कि जब गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली की मांग बढ़ जाती है, तो विभाग ने इसके लिए पहले से तैयारी क्यों नहीं की? क्या विद्युत विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं या फिर इसकी लापरवाही ही कारण है? लगातार हो रही कटौती से यही प्रतीत होता है कि विभागीय प्रबंधन पूरी तरह फेल हो चुका है।

वहीं दूसरी ओर, विद्युत विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही यह स्पष्ट किया गया है कि यह समस्या ट्रांसफॉर्मर की खराबी, ओवरलोड या रखरखाव के चलते है। जानकारी के अभाव में अफवाहों का बाजार गर्म है और लोगों के सब्र का बाँध टूटता जा रहा है।

जनता का साफ कहना है कि अगर जल्द से जल्द बिजली की व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। कई समाजसेवी संगठनों ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने की बात कही है। उनका कहना है कि जनता टैक्स और बिल समय पर भरती है, ऐसे में उन्हें निर्बाध बिजली मिलना उनका हक है।

समस्या अगर तकनीकी है तो उसे ठीक करना विभाग की जिम्मेदारी है, लेकिन यदि यह लापरवाही है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। आम जनता अब केवल आश्वासन नहीं चाहती, बल्कि ठोस और स्थायी समाधान की मांग कर रही है।

Related Articles

Back to top button