बिलासपुर में फिर धर्मांतरण कांड….24 घंटे में दूसरा बड़ा मामला उजागर…प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का खेल – एसईसीएल कर्मचारी पर आरोप…..

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से एक और बड़ा धर्मांतरण का मामला सामने आया है। 24 घंटे के भीतर यह जिले का दूसरा मामला है, जिससे जिले में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक, पहला मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र के जोड़ा गांव से सामने आया था, जबकि अब ताजा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र के वसंत विहार कॉलोनी का है।

सूत्रों के अनुसार एसईसीएल की वसंत विहार कॉलोनी में बीते कुछ समय से यहां के शासकीय मकान में नियमित रूप से “प्रार्थना सभा” का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन इस सभा के नाम पर लोगों को गुमराह कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इन सभाओं में कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल होते थे।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे आयोजन का संचालन कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि एसईसीएल (SECL) का कर्मचारी राजेंद्र खरे कर रहा था। बताया जा रहा है कि वह अपने निजी मकान में यह प्रार्थना सभा आयोजित करता था, जहां धार्मिक पुस्तकों का वितरण और “आध्यात्मिक लाभ” के नाम पर धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया चलती थी।

स्थानीय लोगों ने जब इसकी सूचना पुलिस को दी तो सरकंडा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। पुलिस को वहां से धार्मिक साहित्य, बाइबल जैसी किताबें और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं।

फिलहाल पुलिस ने संबंधित लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि इस नेटवर्क से और कितने लोग जुड़े हुए हैं और कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है।

यह घटना जिले में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। दो दिनों में लगातार दो मामलों का सामने आना प्रशासनिक स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की हिम्मत न कर सके।

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